नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को कहा कि भाजपा और आरएसएस को जाति जनगणना कराने के लिए विपक्ष मजबूर करेगा। एक्स पर एक पोस्ट में, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ‘आरएसएस, बीजेपी के लोगों के कान पकड़ेंगे, उनसे उठक-बैठक करवाएगा और जाति जनगणना करवाएगा। श्रीयादव की टिप्पणी आरएसएस के एक बयान के मद्देनजर आई है, जो इस मुद्दे पर अपना रुख नरम करता दिख रहा है।
दरअसल, सोमवार (2 दिसंबर) को आरएसएस नेता सुनील अंबेकर ने संकेत दिया कि संगठन को विशिष्ट समुदायों या जातियों पर डेटा एकत्र करने में कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते कि जानकारी का उपयोग सख्ती से उनके कल्याण के लिए किया जाए न कि राजनीतिक उपकरण के रूप में।
उव्होंने कहा, ‘हम आरएसएस, बीजेपी के कान पकड़ेंगे, उठक-बैठक करवाएंगे और जाति जनगणना कराएंगे। उनके पास क्या अधिकार है कि वे जाति जनगणना नहीं कराएंगे? हम उन्हें इतना मजबूर कर देंगे कि उन्हें करना ही पड़ेगा। लालू प्रसाद ने एक्स पर हिंदी में पोस्ट किया, ‘दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और गरीबों के लिए एकता दिखाने का समय आ गया है।’
उन्होंने लिखा कि सिंगापुर में नियमित जांच के बाद जब वह पटना लौटे। प्रसाद का किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन दिसंबर 2022 में सिंगापुर में सफलतापूर्वक किया गया था। राजस्थान में तीन दिवसीय समन्वय बैठक के बाद बोलते हुए अम्बेकर ने जाति और जाति संबंधों को हिंदू समाज के लिए बहुत संवेदनशील मुद्दा बताया, और एक गंभीर दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया जो राष्ट्रीय एकता और अखंडता को प्राथमिकता देता है।
जाति जनगणना की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार अभियान चला रहे हैं, खासकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उप-वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद. विपक्षी नेताओं का तर्क है कि जाति जनसांख्यिकी पर सटीक डेटा के बिना, हाशिए पर रहने वाले समुदायों की जरूरतों को पूरा करने वाली लक्षित नीतियों को लागू करना असंभव है।
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