स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे में सुधार से युवा श्रम शक्ति के लिए अधिक उत्पादक दिवस सुनिश्चित होंगे, इस प्रकार अर्थव्यवस्था की उत्पादकता में वृद्धि होगी। आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) जैसी योजनाओं की सफलता जरूरी है। साथ ही एकीकृत बाल विकास (आईसीडीएस) कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन …
Read More »वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाया जाएगा,सेहत के लिए है वरदान
बाजरा खनिज, विटामिन और आहार फाइबर सामग्री के मामले में चावल और गेहूं से बेहतर है। वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। उत्पाद विकास और वाणिज्यिक अनुपात पर अपर्याप्त निवेश, छोटे बाजरे के भोजन की निम्न सामाजिक स्थिति, आहार संबंधी आदतों के प्रति प्रतिरोध और …
Read More »नए साल के सपने जो भारत को सोने न दें।
हमने कई मौकों पर अपने सपने को टूटते हुए देखा है लेकिन फिर भी हम हर मुसीबत की स्थिति से मजबूत और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। स्वराज के महत्व को समझना चाहिए और इन सपनों को आगे बढ़ाने के लिए आक्रामक रूप से शुरुआत करनी चाहिए ताकि हम अपनी …
Read More »क्या आरटीआई अधिनियम अपने उद्देश्य को पूरा कर रहा है?
सरकार से पर्याप्त धन प्राप्त करने वाले कई निकायों के साथ-साथ सभी सरकारी विभागों को आरटीआई मुद्दों के तहत लाया गया है। इस अधिनियम की सुंदरता इसकी सादगी है। लेकिन, कुछ राज्यों में जटिल प्रारूप या नियम लोगों के लिए बाधा उत्पन्न करते हैं। सूचना आयोगों में बड़ी संख्या में …
Read More »“”पोषण का पावरहाउस”” बाजरा
बाजरा गरीबी के खिलाफ लड़ाई में अपार क्षमता रखता है और भोजन, पोषण, चारा और आजीविका सुरक्षा प्रदान करता है। वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों में, बाजरे की खेती 50% आदिवासी और ग्रामीण आबादी को आजीविका प्रदान करती है। भारत 41% बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा वैश्विक उत्पादक है। यह …
Read More »टिकाऊ हरित पर्यावरण के लिए सुरक्षित सड़कें जरूरी
वाहन दुर्घटनाओं का पर्यावरणीय प्रभाव देखे तो अधिकांश वाहनों में सीसा, पारा, कैडमियम या हेक्सावेलेंट क्रोमियम जैसी जहरीली धातुएं होती हैं, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। दुर्घटनास्थल पर ईंधन और तरल पदार्थ का रिसाव और गंभीर सड़क दुर्घटनाएं ऑटोमोबाइल मलबे का कारण बनती हैं, जो अनुपयोगी अंत-जीवन वाहनों का …
Read More »संविधान दिवस : कैसा होना चाहिए भारत?
नव विकासशील लोकतंत्रात्मक भारत को लेकर मेरे मन में अनेक विचार उठते है, महिलाओं की श्रम शक्ति की भागीदारी कम होती दिख रही है। युवाओं की राजनीतिक भागीदारी के लिए मीडिया मुखर हो, न कि केवल अपना लक्ष्य चुने। यूके में, मंत्रियों को अनैतिक आचरण या अनैतिक व्यवहार के कारण …
Read More »वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए मजबूत औद्योगिक नीति की जरूरत
देश का सन्तुलित विकास करने कि लिए संसाधनों को उचित दिशा में प्रवाहित करने कि लिए, उत्पादन बढ़ाने के लिए, वितरण की व्यवस्था सुधारने के लिए, एकाधिकार, संयोजन और अधिकार युक्त हितों को समाप्त करने अथवा नियन्त्रित करने के लिए कुछ गिने हुए व्यक्तियों के हाथ में धन अथवा आर्थिक …
Read More »भारतीय सशस्त्र बलों के बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण की आवश्यकता : प्रियंका सौरभ
भारत के पास रक्षा उपकरणों के विनिर्माण के लिये एक उचित औद्योगिक आधार का अभाव है। हालाँकि तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में दो रक्षा क्षेत्र स्थापित किये गए हैं जो निजी क्षेत्र को परिचालन के लिये आधार प्रदान करेंगे। इन क्षेत्रों की स्थापना और विनिर्माण कार्य शुरू किये जाने के …
Read More »न्यायपालिका के लिए छुट्टियों की संस्कृति को बंद किया जाना चाहिए? -प्रियंका सौरभ
(धीमी गति से चलता न्याय का पहिया ) अवकाश की अवधारणा औपनिवेशिक नियमों से उत्पन्न हुई है। उस समय न्यायाधीश इंग्लैंड से आए थे, भारत की तुलना में ठंडी जगह और भारत की गर्मी उनके लिए असहनीय थी। अदालतों और स्कूलों को छोड़कर देश में कोई भी सरकारी संगठन नहीं …
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