फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) अगर पत्नी का किसी निजी चिकित्सालय में सामान्य प्रसव करवाना पड़े तो कम से कम 20 हजार रुपए खर्च हो जाते हैं और अगर आपरेशन हुआ तो लगभग 50 हजार रुपए। एक मजदूर यह कैसे वहन कर सकता है यह कहना है फिरोजाबाद के रमेश सिंह (काल्पनिक नाम) काl रमेश ने बताया कि मेरे एक मित्र ने नसबंदी कराई थी। फिलहाल वह और उसका परिवार खुश हैं। उसने मुझे भी यही सलाह दी। मुझे लगा कि पत्नी का स्वास्थ्य सही नहीं रहता है। फिर मैंने सिविल अस्पताल लिंजीगंज में लैब टेक्नीशियन के पद पर तैनात रिश्तेदार मोरध्वज से संपर्क कियाl
मोरध्वज ने हम लोगों को पुरुष नसबंदी विशेषज्ञ डॉ आरिफ़ सिद्दीकी से परामर्श दिलवाया। डॉ आरिफ़ के मार्गदर्शन में मैंने 7 जून को अपनी नसबंदी करवा ली है। छह महीने हो गए हैं। मुझे कोई भी परेशानी नहीं हुई है। मेरा शादी शुदा जीवन भी सही चल रहा है l मुझे इसके लिए तीन हजार रुपए भी मिलेl मैं अपील करता हूं कि जो लोग पत्नी से प्यार करते हैं तो परिवार पूर्ण होने पर नसबंदी अपना लें।
जनपद में चार दिसंबर तक चलने वाला पुरुष नसबंदी पखवाड़ा अब 11 दिसम्बर तक चलेगाl इस दौरान सिविल अस्पताल लिंजीगंज और डॉ राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय पुरुष में प्रतिदिन इच्छुक लाभार्थियों को नसबंदी की सेवा प्रदान की जाएंगी। यह कहना है परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ दलवीर सिंह। डॉ सिंह ने बताया कि एक महिला जब बच्चे को जन्म देती है तो यह उसका दूसरा जन्म होता है। एसीएमओ ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में अभी तक तीन पुरुष नसबंदी हो पाई हैं, जबकि अप्रैल 22 से अब तक लगभग 549 महिला नसबंदी हो चुकी हैं |
सिविल अस्पताल लिंजीगंज के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और एनएसवी स्पेशलिस्ट डॉ मो.आरिफ़ सिद्दीकी का कहना है कि नसबंदी में शुक्राणु वाहिनी नलिकाओं को बाँध दिया जाता है जिससे शुक्राणु शरीर से बाहर नहीं जा पाते हैं| यह शरीर में ही घुलकर रह जाते हैं | इस प्रकार शरीर के स्वस्थ रहने में भी सहायक होते हैं | डॉ आरिफ का कहना है पुरुष नसबंदी पूरी तरह से सुरक्षित प्रक्रिया है | नसबंदी के बाद एक दो दिन का आराम बहुत जरुरी होता है |अधिकतर पुरुष दो तीन दिन बाद काम पर जा सकते हैं | सामान्य शारीरिक गतिविधि जैसे भागना, वजन उठाना, साईकिल चलाना आदि काम एक सप्ताह रुक कर शुरू किये जा सकते हैं |
जिला परिवार नियोजन परामर्शदाता विनोद कुमार ने बताया कि मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के तहत आने वाले जिलों में नसबंदी अपनाने वाले पुरुषों को प्रोत्साहन राशि के रुप में 3,000 रुपये और महिलाओं को 2,000 रूपये दिए जाते है