कन्नौज। (आवाज न्यूज ब्यूरो) जिला क्षय रोग विभाग ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में बुधवार को एक समीक्षा बैठक कीl इसमें अधिकाधिक रोगी खोजने, जांचने और इलाज करने, निजी चिकित्सक की ओर से अधिकाधिक मामले संदर्भित करने, निक्षय मित्र की भूमिका और निक्षय पोर्टल को नियमित अपडेट करने आदि पर विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनोद कुमार ने बताया कि टीबी संक्रामक रोग है। इसको तपेदिक या क्षय रोग भी कहते हैं। यह एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। हालांकि इसका वायरस आंत, मस्तिष्क, हड्डियों, जोड़ों, गुर्दे, त्वचा और हृदय को भी प्रभावित कर सकता है। इसको रोकने के लिए जनसमुदाय को आगे आना होगा। तभी जाकर हम इस पर काबू कर पा सकेंगेl
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ के पी त्रिपाठी ने बताया कि हमारे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र हर समय रोगजनक जीवाणुओं से लड़ता रहता है। लेकिन प्रतिरक्षा तंत्र जैसे ही कमजोर होता है तो बीमारियां हावी होने लगती हैं। उन्होंने बताया कि दो हफ्ते या उससे अधिक समय से खांसी आना टीबी का मुख्य लक्षण हो सकता है। वहीं, शाम को बुखार आना, बलगम के साथ खून आना, वजन कम होना इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं। डीटीओ ने बताया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। लेकिन फेफड़ों की टीबी ही संक्रामक है। फेफड़ों की टीबी के रोगी के बलगम में टीबी के जीवाणु पाए जाते हैं। रोगी के खांसने, छींकने और थूकने से ये जीवाणु हवा में फैल जाते हैं और अन्य व्यक्ति के सांस लेने से यह जीवाणु उस व्यक्ति के फेफड़ों में पहुँच जाते है और उसे संक्रमित कर देते हैं।
जिला रोग विभाग से जिला समन्वयक रंजीत ने बताया कि जिले में वर्तमान में 1619 टीबी रोगियों का इलाज चल रहा है l 1419 टीबी रोगियों को 328 निक्षय मित्रों ने गोद लिया है l 88 लोग डायबिटीज के साथ ही टीबी ग्रस्त हैं l पिछले माह हुए निक्षय दिवस पर जिले में 14 क्षय रोगी मिले l इस दौरान डीपीटीसी अखिलेश यादव और डीपीपीएमसी पूनम दुबे सहित अन्य लोग मौजूद रहे l