सत्ता में आए तो तीन महीने में कराएंगे जातीय जनगणना : अखिलेश

लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एंव नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा में जातीय जनगणना का मुद्दा उठाते हुए कहा भाजपा सबका साथ, सबका विकास का नारा देती है, लेकिन जातीय जनगणना नहीं कराना चाहती है। बिना जातीय जनगणना के भाजपा का यह नारा अधूरा है। उन्होंने कहा कि जब बिहार में जनगणना हो सकती है तो यूपी में क्यों नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि यदि सपा की सरकार बनी तो तीन महीने में जातीय जनगणना कराएंगे। उन्होंने सरकार से भी जनगणना के साथ ही जातीय जनगणना कराने की भी मांग की। उन्होंने सरकार की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया। कहा कि भाजपा ने दुबारा सरकार भले ही बना ली, पर न तो इसकी राजनीतिक विश्वसनीयता रह गई है और न ही वित्तीय विश्वसनीयता रह गई है। सरकार वादे पूरे ही नहीं कर रही है।
बृहस्पतिवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए अखिलेश ने कहा, सरकार ने राज्यपाल का समय खराब किया। उनका अभिभाषण ‘कट एंड पेस्ट’ करके तैयार कराया गया था। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने यदि अपने खुद के विचार से अभिभाषण तैयार कराया होता तो सच्चाई सबसे सामने होती। इसमें जिन उपलब्धियों को गिनाया गया है, वह सच्चाई से कोसो दूर हैं। सरकार पर पांच करोड़ की विधायक निधि न देने का आरोप लगाते हुए अखिलेश ने कहा कि ऐसे कई वादे हैं तो सरकार ने पूरे नहीं किए हैं।
प्रदेश की कानून-व्यवस्था, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और किसानों की आय दोगुनी करने के मुद्दे की चर्चा करते हुए कहा, सरकार ने विकास के बड़े सपने दिखाए थे, जो छह साल में पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यूपी की अर्थव्यवस्था सुधरेगी तो देश भी खुशहाल होगा, लेकिन सरकार का इस पर ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा सरकार ने छह साल में सिर्फ सपा द्वारा शुरू किए गए कार्यों रुकवाने का ही काम किया है।
स्टेट रैकिंग में यूपी 16वें नबंर पर
उन्होंने सभी क्षेत्रों में नंबर एक होने के सरकार के दावे को गलत बताते हुए कहा कि स्टेट रैकिंग में पहले पायदान पर महाराष्ट्र, दूसरे पर गुजरात और यूपी 16वें नंबर पर है। इसी प्रकार आर्थिक रैकिंग में भी यूपी 17वें पायदान पर है, जबकि गुजरात एक नंबर पर है।
130 में से 110 वादे पूरे किएः खन्ना
संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विश्वनीयता को लेकर अखिलेश के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमने जो वादा किया है, उसे पूरा किया है। संकल्प पत्र के 130 में से 110 वादे पूरे कर दिए। गुड गवर्नेंस के आधार पर ही जनता ने दोबारा सरकार बनाने का मौका दिया है। सरकार की विश्वसनीयता का फैसला जनता करती है, क्योंकि जनता ही सबसे बड़ी अदालत है और जनता ने ही भाजपा को दुबारा चुना है।
राजभर व निषाद को उलझाया
जातीय जनगणना पर अपने पक्ष में समर्थन दिखाने के लिए अखिलेश ने सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और सरकार में सहयोगी निषाद पार्टी के संजय निषाद की ओर इशारा करते हुए पूछा कि आप जातीय जनगणना चाहते हैं या नहीं। इस पर ओमप्रकाश ने तंज कसते हुए कहा कि हम तो आपके साथ थे ही, लेकिन आपने तो मुझे भगा दिया। अखिलेश ने अपना दल एस के आशीष पटेल से समर्थन मांगा तो उन्होंने जवाब दिया कि आपकी सरकार थी तो आपने क्यों नहीं कराया? वहीं संजय निषाद उठे तो विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उन्हें यह कहते हुए बिठा दिया कि कहां इनके चक्कर में फंस रहे हैं।
मुख्यमंत्री के छह बाल पर छह छक्के मारूंगा
खेल सुविधाओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए अखिलेश ने कहा कि छह साल में एक भी स्टेडियम नहीं बना। अलबत्ता सपा सरकार द्वारा बनाए गए स्टेडियम में शपथ लेने जरूर जाते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा मुख्यमंत्री अच्छे खिलाड़ी हैं। एक बार उनको मैच खेलते हुए मैने भी देखा था, लेकिन तीन टप्पा खाने के बाद भी बॉल नहीं मार सके और बैट हवा में घुमा दिए। उन्होंने कहा, पक्ष और विपक्ष में मैच करा लिया जाए तो मुख्यमंत्री की छह बाल पर छह छक्के मारूंगा।
इन मुद्दों पर अखिलेश रहे हमलावर
अभिभाषण पर चर्चा में अखिलेश ने पुलिस भर्ती, महिला थाना खोलने, गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिन में करने, आलू व मक्का खरीदने, सिंचाई फंड और छुट्टा पशुओं के मुद्दे पर भी घेरा। उन्होंने कहा, प्रदेश में किसान, युवा और व्यापारी सभी परेशान हैं। किसान छुट्टा पशुओं से परेशान हैं। शिक्षा मित्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। छात्रों को लैपटॉप बांटने और 10 विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय खोलने का वादा भी पूरा नहीं हुआ। शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। 8 हजार स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक हैं।
मैं पहला सीएम, जिसमें खुद की काटूर्न छपवाई
इस मौके पर अखिलेश ने लोकगायिका नेहा राठौर को नोटिस दिए जाने पर कहा कि इस सरकार में गाने पर नोटिस दिया जा रहा है। मेरे खिलाफ कविता बनी थी तो हम तो खुश हुए थे। उन्होंने कहा कि हम पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जिसने अपनी कार्टून बनवाई थी।
जिसने झूठा एमओयू किया उसे फिर भेजिए
विदेशों से निवेश लाने के दावे पर तंज कसते हुए अखिलेश ने कहा कि एक मंत्री यूनाइटेड स्टेट गए थे और एक यूनिवर्सिटी केसाथ एमओयू किया था। बाद में पता चला कि वह यूनिवर्सिटी तो है ही नहीं। उन्होंने नेता सदन की ओर इशारा करते हुए किर उन मंत्री को फिर से वहां भेजिए और तब तक भारत वापस न आने दीजिए जब तक सही तरीके एमओयू न हो जाए। उन्होंने कहा कि जहां भी कोई टाई-सूट में दिखे उसे पकड़कर एमओयू साइन कर लो वाली स्थिति है।
अदाणी को लेकर कसा तंज
अखिलेश ने अदाणी को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, पूर्वांचल व बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे धंसते जा रहे हैं। ऐसा ही हाल गंगा एक्सप्रसेवे का भी होगा। उन्होंने अदाणी का नाम लिए बगैर कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे बनाने वाले सरकार के दोस्त दूसरे नंबर से 25वें नंबर पर चले गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि दोस्त की पहचान बुरे वक्त में ही होती है, इसलिए आप अपने दोस्त का साथ मत छोड़िए।
आखिर क्यों अस्थाई रह गए डीजीपी
कानपुर देहात में मां-बेटी की घटना का जिक्र करते हुए अखिलेश ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाया। कहा, इस घटना के लिए जिम्मदार अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। आखिर मुख्यमंत्री को कार्रवाई से कौन रोक रहा है। कई घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जो सरकार प्रदेश को स्थाई डीजीपी नहीं दे सकती है, उससे कानून-व्यवस्था पर जीरो टॉलरेंस की उम्मीद करना बेमानी है।

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