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विद्युत कर्मियों का काली पट्टी बांधकर धरना प्रदर्शन, पांच जनवरी को हर जिले में विद्युत पंचायत

लखनऊ।  (आवाज न्यूज ब्यूरो) यूपी के बरेली में बुधवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बिजली के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने नए साल का पहला दिन काली पट्टी बांधकर काला दिवस के रूप में मनाया। संघर्ष समिति ने पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन और शीर्ष प्रबंधन का नव वर्ष पर सामाजिक बहिष्कार करने का ऐलान किया। उन्होंने मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। प्रदर्शन के दौरान कर्मियों ने सरकार और उच्च अधिकारियों से जल्द से जल्द उनकी मांगों को स्वीकार करने की अपील की। बोले, उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के साथ दो समझौतों का खुला उल्लंघन कर पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय घोषित कर दिया गया है। इस पर बिजली कर्मचारी खामोश नहीं बैठेंगे।
बिजली कर्मियों ने लंच के दौरान अपने कार्यालय (ऑफिस) के बाहर आकर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज किया। बोले, संविदा कर्मियों को स्थायी किया जाए। लंबे समय से रुके भत्तों को बढ़ाने की मांग की। विद्युत कार्यों के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने की बात कही। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभों को समय पर जारी किया जाए।
विद्युत कर्मियों ने निजीकरण के विरोध में चल रही बिजली पंचायतों के क्रम में पांच जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत आयोजित करने की बात कही। प्रयागराज की बिजली पंचायत के बाद प्रदेश के सभी जिलों में बिजली पंचायत आयोजित कर निजीकरण के विरोध में आम उपभोक्ताओं और किसानों को होने वाले नुकसान से अवगत कराया जाएगा। धरना प्रदर्शन और आंदोलन की चेतावनी के चलते आम जनता चिंतित है। यदि बिजली आपूर्ति प्रभावित होती है, तो इससे दैनिक जीवन और व्यापार पर बुरा असर पड़ सकता है।

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