नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान को राष्ट्रविरोधी बताया है। कांग्रेस समर्थित इस छात्र संगठन ने बुधवार को इस विषय पर आरएसएस प्रमुख के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी के नेतृत्व में हुए इस विरोध-प्रदर्शन के दौरान छात्र संगठन ने संघ प्रमुख का पुतला जलाकर अपना रोष प्रकट किया। प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा, “मोहन भागवत का बयान पूर्ण रूप से राष्ट्रविरोधी है। इस तरह की बयानबाजी हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है। हम मोहन भागवत की गिरफ्तारी की मांग करते हैं।“ प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई कार्यालय के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गए थे। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। हालांकि, एनएसयूआई का कहना है कि कई कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में लिया गया। एनएसयूआई ने कहा कि आरएसएस और इसकी विचारधारा का एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक भारत में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस तरह की विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आग्रह किया। एनएसयूआई का कहना है कि वे संविधान के धर्मनिरपेक्षता और एकता के मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसे किसी भी संगठन या व्यक्ति का विरोध करते रहेंगे, जो देश के सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने 13 जनवरी को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन देश की सच्ची स्वतंत्रता प्रतिष्ठित हुई। उनके अनुसार, 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से राजनीतिक स्वतंत्रता मिलने के बाद उस विशिष्ट दृष्टि की दिखाई राह के मुताबिक लिखित संविधान बनाया गया, जो देश के ‘स्व’ से निकलती है। लेकिन, यह संविधान उस वक्त इस दृष्टि भाव के अनुसार नहीं चला। भगवान राम, कृष्ण और शिव के प्रस्तुत आदर्श और जीवन मूल्य ‘भारत के स्व’ में शामिल हैं और ऐसी बात नहीं है कि ये केवल उन्हीं लोगों के देवता हैं, जो उनकी पूजा करते हैं। आक्रांताओं ने देश के मंदिरों के विध्वंस इसलिए किए थे कि भारत का ’स्व’ मर जाए।
Check Also
इस साल बदलेगी बिहार की राजनीतिक दिशा एवं दशा : लालू यादव
नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने …