मंहगाई की मार : 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 50 रुपए बढ़ी, 8 अप्रैल से होगी प्रभावी

नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो)  पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को घोषणा की कि सब्सिडी वाले और गैर-सब्सिडी वाले दोनों उपभोक्ताओं के लिए 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 50 रुपए प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोतरी 8 अप्रैल से प्रभावी होगी। यह मूल्य वृद्धि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के लाभार्थियों के साथ-साथ दूसरे उपभोक्ताओं पर भी लागू होगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पीएमयूवाई लाभार्थियों के लिए कीमत 500 रुपए से बढ़कर 550 रुपए प्रति सिलेंडर हो जाएगी। दूसरे उपभोक्ताओं के लिए यह कीमत 803 रुपए से बढ़कर 853 रुपए हो जाएगी।“ उन्होंने कहा कि संशोधन नियमित अंतराल पर की जाने वाली समीक्षा के अधीन है, जो हर दो से तीन सप्ताह में होती है। 1 अप्रैल को तेल विपणन कंपनियों ने वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत कम कर दी थी। 19 किलोग्राम वाले वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 41 रुपए की कटौती की गई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में संशोधित खुदरा बिक्री मूल्य अब 1,762 रुपए प्रति सिलेंडर है। भारत घरेलू खपत का लगभग 60 प्रतिशत एलपीजी आयात करता है। देश में एलपीजी की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ी हुई है। हाल ही में संपन्न संसद सत्र में पेश की गई जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत सब्सिडी वाली एलपीजी पाने वाले लाभार्थियों की संख्या इस साल 1 मार्च तक 10.33 करोड़ हो गई है, जबकि भारत में कुल सक्रिय घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या 32.94 करोड़ है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने लोकसभा को एक लिखित जवाब में बताया कि एलपीजी की औसत अंतरराष्ट्रीय कीमत जुलाई 2023 में 385 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन से 63 प्रतिशत बढ़कर फरवरी 2025 में 629 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन हो गई है, जबकि पीएमयूवाई उपभोक्ताओं के लिए घरेलू एलपीजी की प्रभावी कीमत अगस्त 2023 में 903 रुपए से 44 प्रतिशत कम होकर फरवरी 2025 में 503 रुपए हो गई है। 14.2 किलोग्राम के घरेलू एलपीजी सिलेंडर की खुदरा बिक्री कीमत अब तक दिल्ली में 803 रुपए थी, जबकि पीएमयूवाई उपभोक्ताओं को प्रति सिलेंडर 300 रुपए की सब्सिडी मिलती थी। 14.2 किलोग्राम के घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत अगस्त 2024 से अपरिवर्तित बनी हुई थी।

Check Also

आज के दौर में भगवान महावीर के विचारों की प्रासंगिकता

— एक नैतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण की पुकार आज के भौतिकवादी और असहिष्णु समय में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *