लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने झारखंड स्थित गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयानों पर प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने बिना निशिकांत का नाम लिए लंबी पोस्ट की।
कन्नौज सांसद ने लिखा- जिसको उसीके के तथाकथित अपने दल ने ये कहकर ख़ारिज कर दिया हो कि उसका विचार व्यक्तिगत है और इस लायक नहीं कि उसकी पुष्टि या समर्थन किया जाए, वो एक सेवानिवृत्त सांविधानिक पद को सफलतापूर्वक सुशोभित कर चुके उच्चाधिकारी के बारे में मुँह न खोले, उसीमें उसकी इज़्ज़त है। अखिलेश ने यूपी, हरियाणा, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्य में घटी कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए लिखा- कुछ भी कहने-लिखने से पहले भाजपाई अपनी निम्नलिखित चंद चुनावी वारादातों पर निगाह डाल लें।
उन्होंने दावा कि साल 2022 के यूपी विधानसभा में वोटर लिस्ट के द्वारा धांधली और लगभग 90 सीटों के परिणामों पर घपला किया गया।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के सीसाटीवी के सामने वोट की धांधली की वोडियो रिकार्डिंग और बाद में सुप्रीम कोर्ट की डांट पड़ी। अखिलेश ने आरोप लगाया कि 2024 के लोकसभा चुनावों में कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मदद से झूठी गिनती के आधार पर कई सीटों पर सर्टिफिकेट में हेराफेरी के ‘फ़र्रूख़ाबाद कांड’ जैसे अनेक ग़ैरक़ानूनी इलेक्शन रिज़ल्ट हेराफेरी कांड किया गया।
नैतिक स्मृति न तो कभी थी और न ही होगी- सपा चीफ
अखिलेश ने लिखा कि भाजपाइयों की नैतिक स्मृति न तो कभी थी और न ही होगी फिर भी याद दिलाना तो बनता ही है। ‘साइड-लाइन’ किये जा रहे लोग अपने विवादित बयानों से ‘मेन-लाइन’ में आने की कोशिश न करें। भाजपावाले किसी के क्या, ख़ुद के भी सगे नहीं हैं। अब ये सोशल मीडिया पर एक-दूसरे पर छींटाकशी कर रहे हैं। भाजपा की अंदरूनी गुटबाज़ी चरम पर है। भाजपा की ‘भ्रष्टाचार-मंडली’ की सर-फुटव्वल आपस में ही एक-दूसरे के राज़ खोल रही है। भाजपा का मुखौटा उतर गया है और उनका अहंकार जनता उतार देगी। इतिहास गवाह रहा है कि नकारात्मक सत्ताओं के विकास में ही उनका पतन निहित होता है।
