लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल गरमाता जा रहा है। इस बीच सीएम योगी और अखिलेश यादव में भी जुबानी जंग तेज हो गई है। वहीं सपा सुप्रीमों ने चुनाव आयोग से सीएम योगी की भाषा पर रोक लगाने की मांग की है। अखिलेश यादव ने चिट्ठी लिखकर चुनाव आयोग से मांग की है कि सीएम योगी की विपक्ष के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा पर तुरंत रोक लगाई जाए।
अखिलेश यादव का आरोप है कि सीएम योगी विपक्ष के लिए जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं वह मर्यादित, संयत और भद्र भाषा की श्रेणी में नहीं आता है। उनका कहना है कि लोकतंत्र में इस तरह की भाषा इस्तेमाल नहीं की जानी चाहिए। बता दें कि चुनाव-प्रचार के दौरान सीएम योगी इन दिनों विपक्षी दलों पर हमलावर हैं। बता दें कि मथुरा में आज सीएम योगी ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि ‘ये दंगा कराने वाली सरकार है’।
हाल ही में सीएम योगी ने धमकी देते हुए कहा था कि ’10 मार्च के बाद बुलडोजर चलेगा’। वहीं उन्होंने सपा को गुंडा, मवाली,माफिया भी कहा था। सीएम योगी ने 1 फरवरी को मेरठ के सिवालखास और किठौर की जनसभाओं में सपा की लाल टोपी को लेकर भी हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि लाल टोपी का मतलब ‘दंगाई, हिस्ट्रीशीटर’ हैं। कैराना और मुजफ्फरनगर में सपा पर हमलावर सीएम योगी ने कहा था कि जो गर्मी दिखाई दे रही है, ये सब शांत हो जाएगी। सीएम योगी की धमकी भरी भाषा को लेकर अखिलेश यादव ने आपत्ति जताई है। उन्होंने चिट्ठी लिखकर चुनाव आयोग से मांग की है कि सीएम योगी की इस तरह की अमर्यादित भाषा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। सपा सुप्रीमों का कहना है कि लोकतंत्र में इस तरह की भाषा को कोई औचित्य नहीं है, इसीलिए उन्होंने सीएम योगी की भाषा पर रोक लगाने की मांग चुनाव आयोग से की है।
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