बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) कन्नौज सदर विकास खंड में प्रधान सहायक पद पर तैनात अशोक कुमार सविता (52) को तीन माह से वेतन न मिलने के कारण तेराजाकेट स्थित सरकारी आवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मौके पर मिले सुसाइड नोट में परियोजना निदेशक (पीडी) सुशील कुमार सिंह पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। घटना के बाद कर्मचारी ब्लाक का मुख्य द्वार बंद कर धरने पर बैठ गए। सीडीओ, सीओ के समझाने और सुसाइड नोट पढ़कर सुनाए जाने के बाद कर्मचारियों ने धरना समाप्त किया।
इसी बीच घटना की सूचना पाकर कानपुर मेट्रो में कार्यरत रणजीत कुमार और डीएलएड कर रही पुत्री निधि कन्नौज पहंचे। स्थानीय कर्मचारियों से सारा समाचार जानकर वे दोनों पोस्टमार्टम हाउस पंहुचे जहां शव पहले ही पहुंच चुका था। बेटे ने पंचनामे पर हस्ताक्षर करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि पंचनामे में सुसाइड नोट का उल्लेख नही है। उसे सुसाइड नोट की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराई जाए और अभियोग पंजीकृत करके एफआईआर की प्रति उपलब्ध कराई जाए। तय हुआ कि कन्नौज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाकर प्रति दे दी जाएगी किन्तु कोतवाली पुलिस ने इसे गुरसहायगंज का मामला बताते हुए वही जाने का निर्देश दिया। इसी झमेले में रात हो गयी और शव का पोस्टमार्टम नही हो सका। कर्मचारियों में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए सीडीओ आर एन सिंह और विभाग के अन्य अफसर लगातार कर्मचारियों से वार्ता करते देखे गए। सपा नेता नवाब सिंह भी पंहुचे और हर मदद का आश्वासन दिया। लगभग सभी कर्मचारी संगठनों के नेता दिन भर सक्रिय रहे।
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