लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) आगामी लोकसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी करने से पहले भाजपा सांसदों और विधायकों को विधान परिषद चुनाव की परीक्षा से गुजरना होगा। विधान परिषद चुनाव की तैयारी के लिए शनिवार को प्रदेश मुख्यालय में आयोजित बैठक में विधायकों और सांसदों को उनके निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
विधान परिषद में शिक्षक खंड की कानपुर-उन्नाव और झांसी-प्रयागराज सीट और स्नातक खंड में फैजाबाद-गोरखपुर, बरेली और कानपुर खंड की सीट पर चुनाव हो रहे हैं। इनमें से स्नातक खंड की तीनों सीटें वर्तमान में भाजपा के पास हैं जबकि शिक्षक खंड की दो सीटों पर निर्दलीय काबिज हैं। पार्टी ने इस चुनाव में सभी पांच सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चैधरी ने कहा कि विधान परिषद में भाजपा के पास दो तिहाई बहुमत है। फिर भी इन सभी पांच सीटों पर जीत पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है। प्रदेश में आगामी चुनावों के मद्देनजर परिषद चुनाव की सभी सीटें जीतने से जनता में अच्छा संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के साथ जनप्रतिनिधियों को पूरी शिद्दत के साथ चुनाव प्रचार में जुटना है।
प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने कहा कि चुनाव में प्रबंधन बूथवार किया जा रहा है। चुनाव परिणाम का बूथवार आकलन किया जाएगा। सभी सांसद और विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी को हर हाल में चुनाव जिताना होगा। उल्लेखनीय है कि पार्टी के मौजूदा सांसद आगामी लोकसभा चुनाव के लिए फिर टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। वहीं कुछ विधायक भी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। ऐसे में पार्टी परिषद चुनाव के जरिये क्षेत्र में उनके राजनीतिक वजूद को परखेगी।
विधान परिषद चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों के लिए वोट मांगने योगी सरकार के मंत्री, विधायक और सांसद घर-घर दस्तक देंगे। चुनाव प्रभारी एवं प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य ने बताया कि 16 जनवरी से बूथ पर संपर्क अभियान शुरू होगा। पहले चरण में सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को अपने क्षेत्र के बूथ पर मतदाताओं की बैठक कर उनसे मत व समर्थन मांगना है। दूसरे चरण में शिक्षक खंड की सीटों पर विधानसभा क्षेत्र स्तर पर शिक्षकों, विद्यालय प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों के सम्मेलन होंगे। वहीं स्नातक खंड की सीटों पर स्नातक मतदाताओं के सम्मेलन होंगे। तीसरे चरण में 25 जनवरी के बाद जनप्रतिनिधि पार्टी का पत्रक और मतदान पर्ची लेकर मतदाताओं के घर और विद्यालय तक जाएंगे। 30 जनवरी को मतदान के दिन भी सांसद और विधायक क्षेत्र में रहकर मतदाताओं से संपर्क कर उनका मत प्रत्याशी के पक्ष में दिलाने का प्रयास करेंगे।
भाजपा ने पांचों सीटों से जुड़े 39 जिलों में 30 जनवरी तक पार्टी के अन्य संगठनात्मक कार्य रोक दिए हैं। फिलहाल पूरी ताकत केवल चुनाव पर लगाई जाएगी। वहीं पार्टी ने चुनाव से जुड़े जिलों में सभी जिला प्रभारियों को जिलों में प्रवास करने के लिए कहा है। चुनाव के लिए कमिश्नरी स्तर पर प्रभारी तैनात किए गए हैं।
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