लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता और अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव से उनके घर जाकर गहन मंत्रणा की। इस मुलाकात से शिवपाल को सपा संगठन में जल्द ही कोई बड़ी जिम्मेदारी दिये जाने की अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने मीडिया को बताया कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव आज दोपहर बाद अपने चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात करने उनके घर गये। चौधरी ने बताया कि मुलाकात के दौरान क्या बातें हुईं, इस बारे में वह कुछ नहीं बता सकते। उन्होंने कहा यह परिवार का मामला है और परिवार में कोई भी एक-दूसरे से मिल सकता है। क्या सपा प्रमुख शिवपाल से संगठन के विस्तार को लेकर बात करने गये हैं? इस सवाल पर चौधरी ने कहा कि इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है, हो सकता है कि दोनों के बीच इस विषय पर बात हुई हो।
यह पूछे जाने कि क्या सपा संगठन में शिवपाल को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके जवाब में उन्होंने कहा हां, बिल्कुल। शिवपाल जी को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। चैधरी ने कहा कि सपा के राष्ट्रीय और प्रान्तीय संगठनों का विस्तार बहुत जल्द होगा। सम्भव है कि यह काम इसी महीने पूरा हो जाए।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी संगठन को नये सिरे से बनाने के लिये पिछले साल जुलाई में पार्टी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया था। इसमें पार्टी के भी युवा संगठन, महिला सभा तथा अन्य प्रकोष्ठ भी शामिल थे।
कभी एक-दूसरे के विरोधी रहे अखिलेश और शिवपाल की दूरियां पिछले साल दिसंबर में पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव के दौरान खत्म होती नजर आ रही थीं।
आठ दिसंबर को उपचुनाव परिणाम में सपा उम्मीदवार और अखिलेश की पत्नी डिम्पल को विजयी घोषित किये जाने के बाद अखिलेश ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर चुके शिवपाल को सपा का झंडा देकर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कराया था।
वर्ष 2016 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से सरकार और संगठन पर वर्चस्व की लड़ाई के बाद हाशिये पर पहुंचे शिवपाल ने वर्ष 2018 में सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया का गठन कर लिया था और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में वह फिरोजाबाद सीट से सपा उम्मीदवार अक्षय यादव के खिलाफ मैदान में उतरे थे। हालांकि, वह जीत नहीं सके थे।
अखिलेश यादव 17 जनवरी को तेलंगाना जाएंगे और 18 जनवरी को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की एक सार्वजनिक रैली में भाग लेंगे।
अखिलेश ने 30 जनवरी को श्रीनगर में राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस के निमंत्रण को लेकर नकारात्मक रुख अपनाया है। लेकिन तेलंगाना में रैली में अखिलेश की उपस्थिति को वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के खिलाफ गैर-कांग्रेसी मोर्चा बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
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