‘‘बिजली चोरी करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई’’
लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) अगले महीने होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और जी-20 की बैठकों के तहत संबधित शहरों में साफ-सफाई और सुंदरीकरण से लेकर अन्य व्यवस्था को चाक-चौबंद करने का काम शुरू हो गया है। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने सभी नगर निकायों को सुबह आठ बजे तक हर हाल में सफाई कराने के निर्देश दिए हैं। लापरवाही बरतने वाले निकाय कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
नगर विकास मंत्री बुधवार को सभी निकायों के अधिकारियों के साथ जी-20 की बैठक को लेकर चल रही तैयारियों की वर्चुअल समीक्षा कर रहे थे। कहा कि फरवरी में आगरा, लखनऊ, वाराणसी व ग्रेटर नोएडा में आयोजित हो रही जी-20 की बैठकों में विश्व भर के शासक, प्रशासक व उद्योगपति शामिल होंगे। इसलिए इन चारों शहरों की व्यवस्था उच्च कोटि की होनी चाहिए।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने शहरों के चौराहों का सुंदरीकरण कराने के साथ ही एयर क्वालिटी व हरियाली बढ़ाने के लिए भी कहा है। प्रमुख सचिव नगर विकास तथा निदेशक नगरीय निकाय को भी नियमित मॉनीटरिंग करने और गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा। इस मौके पर प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने बताया कि ढाबों पर साफ-सफाई, शौचालयों की व्यवस्था, डस्टबिन, पानी की निकासी आदि का काम तेजी से किया जा रहा है।
प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बिजली चोरी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। फरवरी माह से पूरे प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं के केवाईसी प्राप्त करने के लिए अभियान चलाया जाए। इस अभियान में टेलीकॉम कंपनियों की तरह प्रदेश के सवा तीन करोड़ उपभोक्ताओं के टेलीफोन नंबर जुटाए जाएंगे। इससे उन्हें बिजली संबंधी जानकारी, विद्युत बिल और विच्छेदन की सूचना आदि समय पर दी जा सकेगी। वह बुधवार को शक्ति भवन में बिजली विभाग की समीक्षा कर रहे थे।
ऊर्जा मंत्री ने निर्देश दिया कि प्रदेश में लाइन हानियां ज्यादा होने तथा विद्युत चोरी के कारण विभाग को राजस्व का नुकसान हो रहा है। अभियान के दौरान शहर से लेकर गांव एवं कस्बों में ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित कर सूची बनाई जाए। जहां पर ज्यादा लाइन हानियां और विद्युत चोरी हो रही है, वहां प्रशासन की मदद से बिजली चोरी रोकी जाए। लोगों के कनेक्शन भी काटे जाएं। फीडरों पर प्रभावी चेकिंग कराई जाए।
उन्होंने राजधानी लखनऊ में टेलीकॉम और केबल कंपनियों से बातचीत कर उनसे विभागीय इंफ्रास्ट्रक्चर के नियमानुसार शुल्क जमा कराने तथा तारों के मकड़जाल को व्यवस्थित कराने के निर्देश दिए। कहा कि जो कंपनियां अपना निर्धारित शुल्क न जमा करें, उन्हें विद्युत खंभों का उपयोग न करने दिया जाए।
ऊर्जा मंत्री ने ‘संभव’ की व्यवस्था के तहत तीसरे बुधवार को शक्ति भवन में राज्य स्तरीय सुनवाई में भी हिस्सा लिया। गंभीर किस्म की कुल 20 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया गया। इसमें लो वोल्टेज, मीटर अपडेट कराने, संयोजन का स्थायी विच्छेदन, मीटर बदलने, झूलते तारों को ठीक करने, ट्रांसफार्रमर बदलने, निजी नलकूप कनेक्शन, विद्युत आपूर्ति बहाल कराने, सही बिलिंग, हाई बोल्टेज आदि समस्याओं का समाधान किया गया। बैठक में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज, प्रबंध निदेशक पंकज कुमार, उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक पी गुरुप्रसाद उपस्थित थे। सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य अभियंता वर्चुअली जुड़े थे।