फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) हर माह की 15 तारीख की तरह इस बार भी बुधवार को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाएगाl इस दिवस पर क्षय, कुष्ठ, मलेरिया, फाइलेरिया, चिकनगुनिया और कालाजार के रोगियों की होगी जांच होगी और उसी दिन इलाज शुरू होगा। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रंजन गौतम ने दी।
डॉ. गौतम ने बताया कि अभी तक दो निक्षय दिवस मनाए जा चुके हैंl तीसरा एकीकृत निक्षय दिवस बुधवार यानि 15 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य केंद्रों की ओपीडी में आने वाले मरीजों में से 10 प्रतिशत लोगों की स्क्रीनिंग कर क्षय, कुष्ठ और फाइलेरिया रोगियों की खोज कर उनका इलाज शुरू किया जाएगा l उन्होंने बताया कि पिछले एकीकृत निक्षय दिवस पर ओपीडी में 1269 लोग अपनी दवा लेने आए थे। इसमें से 112 लोगों के बलगम के सैंपल लेकर जांच की गई थी। इसमें 12 मरीज़ क्षय रोग ग्रस्त मिले जिनका तत्काल इलाज शुरू कर दिया गया थाl
डीटीओ ने बताया कि क्षय रोग लाइलाज नहीं है। समय से जांच और इलाज हो जाए तो`मरीज़ जल्द स्वस्थ होकर सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है l टीबी का मरीज एक वर्ष में 10 से 15 लोगों को इस बीमारी से संक्रमित कर सकता है। ऐसे में टीबी का समय रहते इलाज होना बेहद जरूरी है। यह रोग किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। इसलिए, इसे छुपाने की नहीं, बल्कि इस रोग के इलाज की जरूरत है। टीबी के मरीजों को अपना उपचार बीच में नहीं छोड़ना चाहिए। यदि बीच में उपचार छोड़ दिया गया तो टीबी से ठीक होना कठिन हो जाता है।
जिला क्षय रोग इकाई के जिला समन्वयक सौरभ तिवारी ने बताया कि जिले में इस समय 1864 क्षय रोगी हैं l इसके साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत् इस वित्तीय वर्ष में अब तक लगभग 1करोड़ 45 हजार रुपए का भुगतान उनके उचित पोषण के लिए किया जा चुका है l
क्षय रोग के प्रमुख लक्षण :
- दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी आना ।
- दो सप्ताह या अधिक समय से बुखार आना।
- वजन में कमी आना/ भूख न लगना।
- बलगम से खून आना।
प्रभारी जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ दीपक कटारिया ने बताया कि ज़िले में 67 कुष्ठ रोगी हैं एकीकृत निक्षय दिवस के दौरान कोई भी कुष्ठ रोगी नहीं मिला l कुष्ठ रोग छूने से नहीं फैलता है इसका समय रहते इलाज हो जाए तो इस पर काबू पाया जा सकता है l
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने बताया कि फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स मक्षर के काटने से फैलता है इसकी रोकथाम के लिए वर्ष में एक बार दवा खिलाई जाती है अगर लगातार पांच वर्ष तक दवा खा ली जाए तो इस रोग के होने की संभावना कम हो जाती है l
डीएमओ ने बताया कि ज़िले में इस समय 1013 फाइलेरिया रोगी हैं l साथ ही जिले में 482 हाइड्रोसील के रोगी हैं l जिनमें से 48 हाइड्रोसील के मरीजों का आपरेशन किया जा चुका है l साथ ही 16 जनवरी को मनाए गए एकीकृत निक्षय दिवस पर 5 फाइलेरिया रोगियों को एमडीपी किट भी दी गई l