बाल कल्याण एवं सरंक्षण समिति की बैठक में बाल अधिकारों पर हुई चर्चा

बाल विवाह या हिंसा मानसिक अस्वस्थता का परिचायक बाल संरक्षण अधिकारी

बाल यौन उत्पीड़न पर हो सकती है फांसी की सजा एस आई विवेक कुमार सिंह

फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) जिले के नवाबगंज ब्लॉक कार्यालय में प्रभारी खंड विकास अधिकारी प्रवेश राजपूत की अध्यक्षता में मंगलवार को बाल कल्याण एवं सरंक्षण समिति की बैठक हुई l जिसमें बाल हिंसा, बाल यौन उत्पीड़न और बाल विवाह रोकने पर चर्चा हुई l
इस दौरान प्रभारी खंड विकास अधिकारी ने कहा कि बाल हिंसा रोकना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है l आजकल लोग कम उम्र के बच्चों से होटलों, दुकानों में कम मजदूरी कर काम करा रहे हैं यह बाल अपराध है l
उन्होंने जनसामान्य से अपील करते हुए कहा कि कहीं भी कम उम्र के बच्चे काम करते हुए या भीख मांगते हुए दिख जाएं तो चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर शिकायत दर्ज कराएं जिससे उस बच्चे को उज्ज्वल भविष्य दिया जा सके l
बाल सरंक्षण अधिकारी सचिन सिंह ने कहा कि बाल विवाह, बाल हिंसा, बाल यौन उत्पीड़न मानसिक अस्वस्थता का परिचायक है l आज के सभ्य समाज में भी बाल विवाह और बाल यौन उत्पीड़न भी हो रहा है l घृणित मानसिकता के लोग इतना नीचे गिर गए हैं कि आठ दस महीने की बच्चियों को भी नहीं छोड़ते हैं l अधिकतर देखने में आता है कि बाल यौन उत्पीड़न अपने लोगों के द्वारा ही किया जाता है जिन पर हम लोगों को विश्वास होता है l
सचिन ने बाल संरक्षण के लिए 1098, 112,181, 1076 और 1090 हेल्पलाइन नंबरों के बारे में भी जानकारी दी l
सीडीपीओ मानवेंद्र सिंह ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भ्रमण के दौरान देखा जाए कि कहीं बाल विवाह, हिंसा या यौन उत्पीड़न तो नहीं हो रहा है अगर ऐसा देखने को मिले तो उसकी फौरन शिकायत हेल्पलाइन नंबरों पर करें l
बाल कल्याण पुलिस अधिकारी विवेक कुमार सिंह ने मौजूद लोगों को पोक्सो एक्ट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने के लिए पोक्सो एक्ट जिसका पूरा नाम ह(प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट) अधिनियम बनाया गया है। इस अधिनियम (कानून) को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने साल 2012 पोक्सो एक्ट-2012 के नाम से बनाया था। इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। इस कानून के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित की गई है।
साथ ही कहा कि इस अधिनियम के तहत 12 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ बलात्कार करने पर फांसी तक की सजा का प्रावधान है l
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नीतू ने कहा कि इस तरह की बैठक के माध्यम से हम लोगों को बच्चों के अधिकारों के बारे में जानकारी हो जाती है जिससे हम उनके ऊपर हो रही हिंसा को रोक सकते हैं l
इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी अमर सिंह, सीएचसी नवाबगंज के बीपीएम पियूष पवन दीक्षित सहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहीं l

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