लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) महाठग संजय शेरपुरिया की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। शेरपुरिया ने एनजीओ के जरिये स्वरोजगार के नाम पर करीब 40 हजार युवाओं को ठगा। महाठग के जाल में यूपी समेत कई अन्य राज्यों के युवा फंसे। इन युवा बेरोजगारों से रकम एनजीओ के खाते में ली गई, जिसके प्रमाण एसटीएफ ने जुटाए हैं। इस तरह के कई और बड़े खुलासे होने की आशंका है।
संजय शेरपुरिया को एसटीएफ ने बीते मंगलवार को गिरफ्तार किया था। बुधवार को वह जेल भेजा गया था। विभूतिखंड पुलिस प्रकरण की विवेचना कर रही है। एसटीएफ भी अपने स्तर से इसमें तथ्य जुटा रही है। जानकारी के मुताबिक शेरपुरिया ने यूथ रूरल इंटरप्रन्योर फाउंडेशन के माध्यम से स्वरोजगार योजना संबंधी अभियान चलाया, जिसमें स्वरोजगार संबंधी दावे किए गए। इसके लिए युवाओं से रजिस्ट्रेशन के नाम पर 2200-2200 रुपये वसूले गए। ये रकम फाउंडेशन के खाते में आई।
एसटीएफ ने जब एनजीओ के खातों का विवरण निकाला तब इसकी पुष्टि हुई। 2200-2200 रुपये के हजारों ट्रांजेक्शन मिले हैं। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक करीब चालीस हजार युवाओं ने इसमें रजिस्ट्रेशन करवा ये फीस भरी थी। इसके जरिए करीब नौ करोड़ रुपये की ठगी के साक्ष्य सामने आए हैं। ये रकम बढ़ भी सकती है।
एजेंट ने समूह में युवाओं को फंसाया, एक साथ जमा की रकम
बैंक खाते में कुछ रकम एक साथ 22-22 सौ के हिसाब से आठ-दस लोगों की एक साथ जमा की गई। सूत्रों के मुताबिक संजय के तमाम एजेंट एनजीओ के लिए काम करते हैं। ये सभी युवाओं को स्वरोजगार के नाम पर अपने जाल में फंसाते थे। दावा करते थे कि एनजीओ से जोड़कर उनको रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। जो लोग झांसे में आते थे उनसे एक साथ रकम लेकर एजेंट अपने ही खाते से एनजीओ में जमा कर देते थे। तमाम कैश सीधे खाते में भी जमा किया गया। इसके भी पुख्ता साक्ष्य मिले हैं।
24 कंपनियों की बैंक डिटेल मिली
जांच एजेंसी ने संजय शेरपुरिया से संबंधित कंपनियों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। अब तक करीब 24 कंपनियों के बैंक खातों का विवरण जुटाया है। किसी कंपनी में एक करोड़, किसी में 50 लाख तो किसी में दो करोड़ रुपये हैं। ये सभी खाते फ्रीज कराए जा रहे हैं। अभी दर्जनों कंपनियों का विवरण मिलना बाकी है। जांच एजेंसी ने संबंधित विभाग से इन कंपनियों के बारे में और जानकारियां मांगी हैं।
पत्नी पर कस सकता है शिकंजा
संजय शेरपुरिया की पत्नी भी कंपनियों में पद पर रही है। एसबीआई ने दोनों को बैंक डिफॉल्टर घोषित किया है। सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी उसकी भी भूमिका तलाश रही है। तमाम दस्तावेजों में उनका नाम दर्ज है। अब जांच एजेंसी तफ्तीश कर पता करेगी कि फर्जीवाड़े में संजय की पत्नी की भूमिका है या नहीं। अगर साक्ष्य मिलते हैं, तो उस पर शिकंजा कसना तय है।
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