नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) हिमाचल प्रदेश में मानसून दस्तक देते ही तबाही मचाने लगा है। कई जगह बारिश आफत लेकर आई। कुल्लू-मंडी-रामपुर में बाढ़ से कई जगह जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। हमीरपुर में सुजानपुर के खैरी में रविवार को बादल फटने से पांच घरों में मलबा घुस गया। तहसीलदार सुजानपुर अशोक पठानिया ने बताया कि छह लोगों को रेस्क्यू किया गया है। कांगड़ा के नगरोटा बगवां के उपरली मझेटली में बिजली गिरने से मां और डेढ़ साल का बच्चा झुलस गए।
उन्हें नगरोटा अस्पताल में भर्ती किया गया है। मंडी के सराज की तुंगधार और कुल्लू की मौहल खड्ड में बाढ़ से एक दर्जन वाहन बह गए और कई घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। मंडी के शिकारी देवी में शनिवार रात 200 लोग फंस गए, जिन्हें छह घंटे बाद निकाला गया। प्रदेशभर में 85 सड़कें बंद हो गईं हैं। 55 बिजली के ट्रांसफार्मरों को नुकसान पहुंचा है। उधर, कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर जगह-जगह पहाड़ियों से पत्थर, मलबा और पेड़ गिरने से दूसरे दिन भी सभी ट्रेनें रद्द हो गईं।
सिर्फ टॉय ट्रेन ही शिमला पहुंच पाई। प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने सोमवार को ऑरेंज और मंगलवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश के चलते सोलन की मांगल पंचायत में 22 बकरियां एक नाले में बह गईं, जिनमें से छह की मौत हो गई। रविवार को मनाली, लाहौल, रोहतांग, शिंकुला और बारालाचा दर्रे की ऊंची चोटियों पर बर्फ के फाहे गिरे। प्रदेश के कई इलाकों में बिना बिजली-पानी के दुश्वारियां बढ़ गई हैं।
कुल्लू की मौहल खड्ड में बाढ़ से आठ वाहन बह गए। आधी रात को कई लोगों को अपने वाहन निकालने पड़े। सराज के तुंगधार नाले में भी बाढ़ से चार गाड़ियां बह गईं, आधा दर्जन घरों को नुकसान पहुंचा। नरोली गांव के निकट एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। आधी रात को लोगों में अफरातफरी मच गई। बिलासपुर के बरठीं बाजार में घरों और दुकानों में पानी घुस गया।
बरशैणी में बारिश के चलते एक मकान को क्षति पहुंची। बंजार के 10 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई। जोगिंद्रनगर के पीपली-बढोण सड़क पर शनिवार रात समखेतर नाले में बाढ़ से पुल बह गया, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया। बगस्याड़ में पहाड़ धंसने से एक मकान और दो गाड़ियां मलबे में दब गईं। जोगिंद्रनगर में सड़क पर पेड़ गिरने से मंडी-पठानकोट नेशनल हाईवे भी कुछ समय बाधित रहा। बल्ह घाटी में टमाटर की फसल तबाह हो गई।
सुकेती खड्ड के किनारों से कई प्रवासियों की झोपड़ियां खाली करवाई गईं। हमीरपुर में धौलासिद्ध परियोजना के कार्य में लगे एक ठेकेदार की छह मशीनें पानी के बहाव में बह गईं। सोलन के धर्मपुर के सिहारड़ी में चार लोगों के घर में भारी बारिश के चलते पानी घुस गया। फोरलेन पर पानी की निकासी सही न होने से लोग नाराज हैं। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर भी परवाणू से कुमारहट्टी के बीच कई जगह पत्थर और मलबा सड़क पर आने से यातायात वनवे रहा। दाड़लाघाट, कुनिहार, सुबाथू समेत अन्य जगह पेड़ गिरने से रास्ते बंद हुए। सिरमौर में भी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है।
नाहन-कुमारहट्टी और पांवटा-शिलाई नेशनल हाईवे भी कुछ समय के लिए बंद रहा। शिलाई के गंगटोली में खड़ी गाड़ी पर पत्थर गिरे। सतौन और पुरुवाला में खड्ड का पानी दुकानों में घुस गया। जलस्तर बढ़ने से गिरि नदी पर बने जटोन डैम का एक गेट खोलना पड़ा। रामपुर के अंतर्गत 15/20 क्षेत्र की सरपारा पंचायत में रातभर भारी बारिश के बाद सुग्गा नाले में बाढ़ आ गई। इससे लोगों की खेती योग्य कई बीघा जमीन बह गई है, वहीं एक गोशाला के साथ ही ग्रीनको परियोजना की लाइन क्षतिग्रस्त हो गई।
हिमाचल में दो दिन से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते लोक निर्माण विभाग ने फील्ड में तैनात स्टाफ की रविवार की छुट्टी रद्द रही। उन्हें बंद पड़ीं सड़कों को बहाल करने की जिम्मेदारी दी है।
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