नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) मणिपुर हिंसा को लेकर राज्यसभा और लोकसभा में सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच लगातार टकराव की स्थिति बनी हुई है। इसी के चलते मानसून सत्र में अभी तक संसद की कार्रवाई एक भी दिन सुचारू रूप से नहीं चल सकी है। विपक्ष का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर हिंसा को लेकर सदन में अपना बयान रखें, उस बयान पर हम सभी लोग चर्चा करेंगे। चर्चा के बाद इस मुद्दे पर वोटिंग भी कराई जाए।सोमवार को यह बात कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मलिकार्जुन खरगे ने कही।
संसद में गांधी प्रतिमा के समीप अन्य विपक्षी सांसदों के साथ धरना दे रहे खरगे ने कहा कि जब संसद या विधानसभा का सत्र चल रहा होता है तो ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री सदन के बाहर बयान नहीं देते।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब बयान संसद के बाहर दिया गया। हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री संसद के भीतर मणिपुर हिंसा की पूरी जानकारी व बयान दें।
दरअसल, सरकार व राज्यसभा के सभापति शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के लिए राजी हैं। खरगे ने इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वह कभी आधा घंटा कभी शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन की बात कहते हैं। लेकिन हम चाहते हैं कि नियम संख्या 267 के अंतर्गत सदन में चर्चा कराई जाए। इसके अंतर्गत चर्चा 4 घंटे की भी हो सकती है, उससे अधिक समय भी लिया जा सकता है या पूरा एक दिन भी इस चर्चा को दिया जा सकता है।
कांग्रेस का कहना है कि मणिपुर में हुई हिंसा पर चर्चा के लिए विपक्ष की यह मांग स्वीकार की जानी चाहिए। इसी टकराव के कारण राज्यसभा में सोमवार को भी मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर जबरदस्त हंगामा हुआ। इस दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को शेष बचे पूरे मानसून सत्र के लिए राज्यसभा से सस्पेंड किया गया है।
विपक्ष का कहना है कि प्रश्नकाल समेत राज्यसभा की सारी कार्रवाई को रद्द करते हुए सर्वप्रथम मणिपुर हिंसा पर विस्तार से चर्चा की जाए। संजय सिंह नारेबाजी करते हुए सभापति के आसन के पास जा पहुंचे। सभापति द्वारा चेतावनी देने के बावजूद संजय सिंह अपने स्थान पर नहीं गए और मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराए जाने की मांग और नारेबाजी करते रहे। इस बीच नेता सदन पीयूष गोयल ने सभापति से निवेदन किया कि संजय सिंह को उनके इस व्यवहार के लिए सदन से निलंबित कर दिया जाए। गोयल ने इस संबंध में एक प्रस्ताव भी सभापति के सम्मुख दिया। राज्यसभा के सभापति ने इस प्रस्ताव पर सदन के सदस्यों की राय लेने के उपरांत संजय सिंह को शेष बचे मानसून सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया।