लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) यूपी विधानमंडल के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामा भरा रहा। विपक्ष ने मणिपुर हिंसा को लेकर सदन के अंदर और बाहर जमकर नारेबाजी की और सरकार से निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मणिपुर की हिंसा पर बयान देना चाहिए और निंदा करनी चाहिए।
सदन की कार्यवाही के प्रारंभ होने से लेकर दोपहर को मंगलवार तक के लिए स्थगित किए जाने तक जमकर हंगामा होता रहा। हालांकि, इस दौरान सदन की गैलरी में सत्ता पक्ष व विपक्ष के लोग आपस में गलबहियां भी करते नजर आए। खासकर भाजपा के सहयोगी दलों के नेता कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद व ओम प्रकाश राजभर और अपना दल के नेता व कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल जोश से भरे नजर आए। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कुछ दिन पहले ही एनडीए में वापसी की और 2024 का चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ने का ऐलान किया। डॉ. संजय निषाद और ओमप्रकाश राजभर इस अंदाज में नजर आए।
सपा अध्यख अखिलेश यादव भी पार्टी विधायकों के साथ पूरी तैयारी के साथ सदन पहुंचे और मणिपुर हिंसा की घटना पर बयान दिया। हंगामे और शोरशराबे के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी शांत नजर आए। हालांकि, वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की मांग पर आपित्त जताई।
सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रदेश के समग्र विकास एवं जनसमस्याओं के समाधान के लिए हम विधानमंडल की कार्रवाई में स्वस्थ चर्चा के लिए तैयार हैं। इसके लिए सर्वदलीय नेताओं की बैठक में सरकार की ओर से सार्थक चर्चा के लिए आवाह्न किया गया। साथ ही सरकार सभी दलों के सदस्यों के उनके सवालों के जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
सदन में विपक्ष की तरफ से तरह-तरह की तख्तियां लहराई गईं।
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