‘‘रविवार आधी रात को दो लोगों ने महिला उद्यमी के घर जाकर घूस के 1.25 लाख रुपये लौटाए’’
लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) महिला उद्यमी से पंजाब नेशनल बैंक के अफसर द्वारा घूस लेने के मामले में अमर उजाला में छपी खबरों का रविवार देर रात बड़ा असर हुआ। रविवार आधी रात को दो लोगों ने महिला उद्यमी के घर जाकर घूस के 1.25 लाख रुपये लौटा दिए। संभवतः पहली बार हुआ होगा कि घूस लेने वाले अधिकारी ने पीड़ित के घर जाकर घूस की रकम वापस लौटाई हो।
शनिवार को लोकभवन में श्विश्वकर्मा सम्मान योजनाश् कार्यक्रम में लखनऊ की नीरू तिवारी को भी आमंत्रित किया गया था। प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत उन्हें पंजाब नेशनल बैंक से 9.5 लाख रुपये स्वीकृत लोन की प्रतीकात्मक कॉपी भेंट की गई। लेकिन बाद में खुलासा हुआ कि ये प्रतीकात्मक चेक कागज के टुकड़े से ज्यादा कुछ नहीं है। वास्तव में बैंक ने नीरू को लोन का पैसा उस समय दिया ही नही था।
हद तो ये हो गई कि बैक अफसरों ने नीरू को स्वीकृत लोन से 1.25 लाख रुपये घूस भी वसूल लिए थे। महीनों चक्कर लगाने और घूस के 1.25 लाख रुपये देने के बावजूद लोन न मिलने से मायूस नीरू का दर्द मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जाने के बाद निकल पड़ा था। मौके पर मौजूद पीएनबी के महाप्रबंधक मत्युंजय भी महिला को सुनकर अवाक रह गए और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे। दुस्साहस तो इस बात का था कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में गई महिला से बैंक अफसरों ने जबरन घूस वसूल ली थी और चेक के नाम पर कागज का टुकड़ा पकड़ा दिया था।
मामले के तूल पकड़ते ही मैनेजर को सस्पेंड कर दिया गया। रात में बैंक खोलकर महिला उद्यमी का लोन एकाउंट खुलवाया गया और लोन का पैसा ट्रांसफर किया गया। इस बीच एक हैरतअंगेज घटना हो गई। रविवार देर रात दो लोग नीरू के घर पहुंचे। घंटी बजाई तो बच्चों ने दरवाजा खोला। उन्होंने नीरू के बारे में पूछा तो बच्चों ने बताया कि तीज पर्व की वजह से मां पार्लर में है। इस पर उन लोगों ने बच्चों को एक पैकेट थमाया और हाथ जोड़कर वापस चले गए। अचरज में पड़े बच्चों ने जैसे ही पैकेट खोला तो पांच-पांच सौ के नोटों की गड्डियां देख घबरा गए। मां को फोन किया तो नीरू अपने पति के साथ घर भागीं। रुपये गिने तो पूरे सवा लाख रुपये निकले। तभी उनके पास फोन आया कि ये रकम आपकी ही है, जो लोन के एवज में दी थी। खुशी से लबरेज नीरू ने अमर उजाला और पीएनबी के जीएम को तहे दिल से धन्यवाद दिया।