लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) पीएम मोदी ने आज प्रयागराज में महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने 1.60 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए 1,000 करोड़ ऑनलाइन ट्रांसफर किए। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में 202 टेक होम राशन प्लांट का भी शिलान्यास किया।
पीएम मोदी ने महिला समूहों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘पिछले वर्ष कुंभ में हम ई पवित्र धरती पर आवा रहे, तब संगम में डुबकी लगाके अलौकिक आनंद आवा रहा’। पीएम ने कहा कि प्रयागराज से साहित्य की जो त्रिवेणी बही उसके आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी संपादक भी रहे। हमारी मातृशक्ति की प्रतीक यह तीर्थ नगरी मां गंगा यमुना और सरस्वती की संगम नगरी रही है। ये हमारा सौभाग्य है कि आप महिलाएं हमें आशीर्वाद देने आई हैं।
पीएम मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्ध्यिों को गिनाते हुए कहा कि अब पहले की सराकारों वाला दौर महिलाएं वापस नहीं आने देंगी। यूपी की महिलाओं को योगी सरकार ने जो सम्मान दिया है वो अभूतपूर्व है। महिलाओं का जीवन पीढ़ियों का जीवन बदलने वाला होता है। इसलिए 2014 में मां भारती के बड़े सपनों और आकांक्षाओं को साकार करने का बीड़ा उठाया तो बेटी के सपनों को पूरा करने का निश्चय किया। बेटियां जन्म लें इसके लिए हमने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के माध्यम से समाज की चेतना को जगाने का प्रयास किया।
पीएम मोदी ने कहा कि यूपी में महिलाओं के विकास के लिए जो काम हुआ है वो पूरा देश देख रहा है। आज मुझे मुख्यमंत्री सुमंगला योजना की लाखों महिलाओं के अकाउंट में करोड़ों रुपये ट्रांसफर करने का सौभाग्य मिला। यूपी में बैंक सखी का जो अभियान शुरू हुआ है वो महिलाओं के जीवन में भी बड़े बदलाव ला रहा है। सरकार से पैसा डीबीटी के जरिए सीधे खाते में आता है। पैसा निकालने बैंक नहीं जाना पड़ता। बैंक सखी की मदद से घर पर ही ये पैसा मिलता है। इस तरह गांव पर ही बैंक आता है। ये कोई छोटा काम नहीं है। यूपी सरकार ने इन बैंक सखियों के ऊपर 75 हजार करोड़ रुपये के लेन-देन की जिम्मेदारी सौंपी है। जितना लेन-देन गांव में होगा उतनी उनकी आमदनी भी होगी। ये अधिकतर वो बहनें हैं जिनके कुछ दिन पहले अपने बैंक खाते भी नहीं थे। अब इनके हाथ में फिजिकल बैंकिंग की शक्ति आ गई है।
पीएमओ ने बताया कि यह कार्यक्रम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विशेष रूप से जमीनी स्तर पर, उन्हें आवश्यक कौशल, प्रोत्साहन और संसाधन प्रदान करने के प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप आयोजित किया गया है। पीएमओ के अनुसार स्वयं सहायता समूह के खातों मे 1000 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर किए जिससे लगभग 16 लाख महिला सदस्यों को लाभ पहुंचेगा।
पीएमओ के अनुसार स्वयं सहायता समूह के खातों मे 1000 करोड़ रुपये की राशि दीनदयाल उपाध्याय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई) के तहत ट्रांसफर की जाएगी,जिसमें 80,000 स्वयं सहायता समूह को प्रति समूह 1.10 लाख रुपये का सामुदायिक निवेश कोष प्राप्त होगा और 60,000 एसएचजी को प्रति स्वयं सहायता समूह 15,000 रुपये की चक्रीय (रिवॉल्विंग) निधि प्राप्त होगी।
पीएमओ ने बताया कि व्यापार अभिकर्ता-सखियों (बीसी-सखियों) को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रधानमंत्री उनमें से 20,000 के खाते में पहले महीने के वजीफे के रूप में 4,000 रुपये की राशि भी ट्रांसफर करेंगे। जब बीसी-सखियां जमीनी स्तर पर वित्तीय सेवाओं के प्रदाता के रूप में अपना काम शुरू करती हैं, तो उन्हें छह महीने के लिए 4,000 रुपये का वजीफा दिया जाता है, ताकि वे अपने काम में स्थिर हो जाएं और फिर लेन-देन पर कमीशन के माध्यम से कमाई शुरू करें।
कार्यक्रम के दौरान, मोदी ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के तहत एक लाख से अधिक लाभार्थियों को कुल 20 करोड़ से रुपये अधिक की राशि ट्रांसफर करेंगे। यह योजना एक बालिका को उसके जीवन के विभिन्न चरणों में सशर्त नकद हस्तांतरण प्रदान करती है। कुल हस्तांतरण 15,000 रुपये प्रति लाभार्थी है। वह 202 पूरक पोषण निर्माण इकाइयों की आधारशिला भी रखेंगे। इन इकाइयों को स्वयं सहायता समूहों द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है और एक इकाई के लिए लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से निर्माण किया जाएगा।
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