फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) वृद्ध की हत्या के मामले में थाना मऊदरवाजा पुलिस ने महज एक हफ्ते में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है यह जानकारी अपर पुलिस अधीक्षक डा0 संजय सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान दी।
अपर पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया कि वृद्ध की हत्या के मामले में थाना मऊदरवाजा पुलिस ने जिन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है उनमें महताब खां पुत्र चुन्ने खां निवासी बाबरपुर थाना मऊदरवाजा एंव गौतम पुत्र ओमपाल निवासी निवासी चमन नगरिया बरौन थाना मऊदरवाजा शामिल है जिन्हें पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। जबकि एक अन्य अभियुक्त प्रकाश में आया है सुभाष नट पुत्र नत्थू सिंह उर्फ नत्थूलाल निवासी ग्राम अदिउली थाना मऊदरवाजा भी आया है।
पूछताछ में अभियुक्त महताब ने जुर्म स्वीकार करते हुये बताया कि मैं ग्राम बाबरपुर का रहने वाला हूं और हथियापुर मे मेरी मोटरसाईकिल रिपेयरिंग की दुकान है। मै शराब पीने का शौकीन हूं, और लगभग रोज ही शराब पीता हूं। दिनांक 14.10.2023 को मैं अपनी दुकान को शाम के समय करीब 06.00 बजे बन्द कर हथियापुर बाजार से कुछ घरेलू सामान लिया और अपने घर की ओर चल दिया कि रास्ते मे ग्राम अदिउली मे बने पावरहाऊस के बगल मे बने शराब के ठेके पर पहुचा तो वहा पर पहले से मौजूद सुभाष नट पुत्र नत्थूसिंह उर्फ नत्थूलाल निवासी ग्राम अदिउली थाना मऊदरवाजा जो कि पुराना अपराधी है मुझे मिला था, मैं अक्सर उसके साथ शराब पी लेता हूं। उस दिन सुभाष ने मुझे रोक लिया और कहा कि मुझे आज शराब तुम पिलाओं और खर्चा दो तब मैंने डेढ सौ रुपये दिये सुभाष ने किसी व्यक्ति को भेजकर शराब का एक क्वार्टर अंग्रेजी शराब का मगाया हम दोनों देशी ठेके के सामने बनी दुकान से पानी का पाऊच लेकर वही दुकान के बाहर पीने लगे। बगल मे ही चमन नगरिया बरौन का रहने वाला गौतम पुत्र ओमपाल भी शराब पी रहा था, मेरा पैर उसके पैर पर पड़ गया तो उसने मुझको गाली दे दिया जिस पर मैंने उसको हड़काया तो फिर मांफी मांगने लगा। मैं उसके चाचा प्रेमराज को जानता हूं। वह मेरा कस्टमर है। गौतम नशे की हालत में था उसने मेरा मोबाईल फोन लेकर अपना अपने चाचा प्रेमराज से बात किया और उससे फोन पे के जरिये 200 रुपये भेजने को कहा। हम सब को काफी नशा हो गया था इसी दौरान हम लोग दुकान से बाहर निकल कर आम के पेड के पास फिर देशी क्वार्टर पीने लगे तभी अदिउली का रहने वाला चन्द्रपाल सिंह पुत्र बाबू सिंह (एस आर ) गेस्ट हाऊस की तरफ से नशे की हालत मे आया और ठेके से एक देशी क्वार्टर लिया। हम लोग दारू पी रहे थे चंद्रपाल ने रंगबाजी करते हुये पानी मांगा इस पर हम लोगों ने मना कर दिया और कहा कि अपना पानी दुकान से जाकर लाओ। इस पर गाली देते हुये मुझसे जातिसूचक शब्द बोलां कि अपनी औकात में रहो पानी लाओ, इस पर सुभाष नट ने विरोध किया तो उसको भी जाति सूचक गाली देकर बोला कि तुम लोग मेरी जमीन मे बसे हो तुम्हारी इतनी औकात कि मांगने पर पानी नही दोगें। इस पर सुभाष ने कहा कि क्या उखाड़ लोगे तो चन्द्रपाल ने कहा कि सुबह होने दो तुमको तुम्हारी औकात पता चल जायेगी, यह बात सुभाष नट को लग गयी और वह आग बबूला हो गया और होने दो तुमको तुम्हारी ओकात पता चल जायेगी, यह बात सुभाष नट को लग गयी और वह आग बबूला हो गया बोला कि साले तुमको अपनी औकात दिखानी ही पड़ेगी। इस पर हम मैं और गौतम, सुभाष को थोड़ी दूर तक समझाते हुये ले गए लेकिन सुभाष गुस्से मे था और मुझे भी गुस्सा आ रहा था। सुभाष ने कहा कि इसको आज ही निपटाना पड़ेगा इसको टंकी की तरफ ले चलो। इस पर हम लोग चन्द्रपाल के पास पहुंचे जो बहुत नशे की हालत मे था और बडबडा रहा था। सुभाष ने कहा कि चाचा चलो तुमको तुम्हारे घर छोड देते है और अपनी मोटर साईकिल पर चन्द्रपाल पुत्र बाबूसिंह को बैठा लिया और तेजी से अदिउली की तरफ बढ गया। पीछे से मेरी मोटरसाईकिल पर मैं और गौतम भी पीछे- पीछे गये। गांव के मोड पर पहुचने पर चन्द्रपाल ने कहा कि मुझको यही उतार दो लेकिन सुभाष ने अपनी मोटरसाईकिल और तेज भगा दिया, पीछे से हम लोग भी गाडी भगा कर ले गये और पानी की टंकी से पहले रोड से सटे खडंजा की ओर मोड़ दिया। जहा पर खडंजा समाप्त होता है, वही पर सुभाष ने अपनी गाड़ी रोक दी मैंने भी अपनी गाडी रोक दी सुभाष ने खडंजा सडक से एक ईंट उखाड़कर चन्द्रपाल के सीने मे मारी जिससे वह गिर पड़ा वही पर एक डंडा पड़ा था मैने भी डंडे से उसके सिर मे कई बार मारा। फिर चन्द्रपाल को टांग कर हम लोग बम्बे में ले गये जहा मैने उसकी बनियान फाडकर उसका फन्दा बनाकर चन्द्रपाल का गला कसने की कोशिश किया लेकिन वह नहीं मरा तो सुभाष ईट उठाकर लाया और उसके सिर पर ताबडतोड़ मारने लगा मैंने भी वही पास मे पडी दूसरी ईंट उठाकर उसके सिर में मारा। इस दौरान गौतम चन्द्रपाल के दोनों पैरो को दबाकर उसपर बैठा रहा, जब चन्द्रपाल मर कर ठण्डा हो गया तो गौतम ने भी एक ईंट उसके सिर पर मारी। फिर हम लोग चन्द्रपाल की लाश को छोडकर अपने अपने घर चले गये। ईंट को मैने की टंकी की चाहरदीवारी के अन्दर फेंक दिया था। डण्डा गौतम लेकर चला गया यह घटना हम लोगो से केवल बाजी के चलते चन्द्रपाल के अपशब्द बोलने के कारण हो गयी थी । चन्द्रपाल की अक्सर सबसे बकवास कर आदत थी जब भी सामने पड़ते थे उलटा सीधा बकते थे और मेरे अब्बू चुन्ने खां जब पानी का तगादा करने जाते उनसे भी उलटा सीधा बकते रहते थे इसलिये मैने खुन्नस में आकर सुभाष व गौतम के साथ मिलकर ईंट व डन्डे से चन्द्रपाल की हत्या कर दी।
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