‘‘राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए राम मंदिर का लोकार्पण कार्यक्रम।’’
लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) विजयादशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के भाषण की आड़ में कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया है। राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोहन भागवत ने मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दे का भाषण में जिक्र कर मोदी सरकार को आईना दिखाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ज्वलंत मुद्दों की चर्चा कर संघ प्रमुख ने इशारों-इशारों में बीजेपी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए।
प्रमोद तिवारी का कहना है कि मोहन भागवत ने भारत के विकास में पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू से लेकर वर्तमान पीएम मोदी तक का योगदान नजर आता है। आजादी के बाद देश की बदहाल आर्थिक स्थिति का जिक्र कर मोहन भागवत ने बड़ी बात कही है। प्रमोद तिवारी के मुताबिक संघ प्रमुख ने भाषण में मणिपुर की चर्चा कर मोदी सरकार की नाकामी याद दिलाई है। उन्होंने इशारों-इशारों में पीएम मोदी को मणिपुर जाने की वकालत की है।
मोहन भागवत ने भाषण में कहा कि मणिपुर की शांति व्यवस्था बहाल रखने के लिए मोदी सरकार ने काम नहीं किया। प्रमोद तिवारी का कहना है कि संघ प्रमुख भागवत ने मणिपुर हिंसा मामले में सरहद पार की बाहरी ताकतों का जिक्र किया। उन्होंने उपद्रव फैलाने के पीछे विदेशी ताकतों की तरफ से साजिश रचे जाने की आशंका जताई है। प्रमोद तिवारी ने बाहरी ताकतों की दखलअंदाजी को गंभीर विषय माना है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नाकामी को दर्शाता है। सरहद की रक्षा करना और बाहरी ताकतों को हिंसा फैलाने से रोकने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है। प्रधानमंत्री मोदी स्थानीय सरकार की कानून व्यवस्था बनाने रखने की जिम्मेदारी कहकर नहीं बच सकते। उन्होंने कहा कि भाषण में मोहन भागवत ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मोदी का नाम नहीं लिया, लेकिन गृहमंत्री को मणिपुर जाने की नसीहत देकर तस्वीर साफ कर दी है। संघ प्रमुख भागवत ने राम मंदिर के जरिए देश का गौरव बढ़ाने की बात कही है।
प्रमोद तिवारी को भागवत की बात से इंकार नहीं है। रामलला के मंदिर पर कतई राजनीति नहीं होनी चाहिए। राम मंदिर निर्माण का श्रेय सुप्रीम कोर्ट को जाता है। 22 जनवरी को राम मंदिर के लोकार्पण कार्यक्रम में प्रमोद तिवारी ने पीएम मोदी को शिरकत नहीं करने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राजनीतिक दल की नुमाइंदगी करते हैं। राम मंदिर का लोकार्पण कार्यक्रम राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने हमेशा राम मंदिर के नाम पर राजनीति की है।
बीजेपी के लिए भगवान राम का मंदिर कभी आस्था का विषय नहीं रहा, बल्कि उसने हमेशा चुनावी मुद्दा बनाकर रखा। यही वजह है कि केंद्र में पूर्ण बहुमत और 22 राज्यों में सरकार होने के बावजूद बीजेपी ने कानून बनाकर मंदिर का निर्माण नहीं कराया। प्रमोद तिवारी के मुताबिक अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम राम का मंदिर बन रहा है। इसलिए सभी काम अब मर्यादा के मुताबिक होने चाहिए। गरीबों को न्याय मिलना चाहिए। देश से महंगाई और बेरोजगारी खत्म होनी चाहिए। नफरत की सियासत पर विराम लगना चाहिए।