लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयानों को लेकर आए दिन चर्चा में रहते हैं। दिवाली पर एक्स पर अपने पोस्ट में उन्होंने देवी लक्ष्मी को लेकर सवाल उठाए, इसके बाद धर्मगुरुओं से लेकर कई नेताओं ने उनकी आलोचना की। अब इस मामले पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने सफाई दी है और कई सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि वास्तव में, आपकी पत्नी आपके घर की लक्ष्मी है, जिस तरह से वह घर संभालती है, उसकी चिंता करती है और उसके रखरखाव और समृद्धि के लिए काम करती है। ऐसा कोई और नहीं कर सकता। तो जब वह असली ‘गृह लक्ष्मी’ है, तो उसकी पूजा करने में आपत्ति क्यों? तो हमारे देश की संस्कृति के अनुसार ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता’ के अनुसार हमारी संस्कृति, हमें अपनी पत्नी का सम्मान, पूजा और आदर करना चाहिए।
सपा नेता ने आगे कहा कि मैंने सिर्फ चार भुजाओं की बात नहीं की थी, मैंने आठ भुजाओं, दस भुजाओं, 1000 भुजाओं की भी बात कही थी। ऐसा कोई बच्चा देश में कभी पैदा नहीं हुआ। अगर ऐसा हुआ, तो मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे मुझे बताएं, मैं इसे स्वीकार करूंगा। अगर हम अपनी कल्पना के आधार पर किसी को 1000 भुजाओं वाला या 20 भुजाओं वाला या 10 भुजाओं वाला बना दें तो कल्पना तो कल्पना ही है।
उन्होंने कहा कि मैंने वही कहा जो व्यावहारिक है, सत्य पर आधारित, वैज्ञानिक और सनातन पर भी। मैंने सनातन धर्म के अनुसार बात की। मैंने कहा कि लोगों को अपनी पत्नी का सम्मान करना चाहिए क्योंकि वह वास्तविक अर्थों में गृह लक्ष्मी है। हमारी संस्कृति कहती है कि जहां महिलाओं का सम्मान किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है, वहीं खुशी है और वहीं सभी चीजों का विकास होता है। इसलिए, मैंने पिछली दिवाली के दौरान और इस दिवाली के दौरान भी अपनी पत्नी की लक्ष्मी के अवतार के रूप में पूजा की।
बता दें कि, स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिवाली के दिन अपनी पत्नी के साथ फोटो शेयर करते हुए एक्स पर लिखा था कि दीपोत्सव के अवसर पर अपनी पत्नी का पूजा व सम्मान करते हुए कहा कि पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग व देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट व पीठ ही होती है, चार हाथ,आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ व हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ। तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है?
उन्होंने आगे लिखा था कि यदि आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना ही चाहते हैं तो अपने घरवाली की पूजा व सम्मान करें जो सही मायने में देवी है क्योंकि आपके घर परिवार का पालन-पोषण, सुख-समृद्धि, खान-पान व देखभाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभाती है।
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