बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी जे.पी. मौर्य ने जिला पंचायत के सदन में पेश किया 28 करोड़ 50 लाख का अनुपूरक बजट। विपक्षी सदस्यों ने जताई कड़ी आपत्ति, कहा 22-23 के बजट का आधे से भी कम हुआ है खर्च तो अनुपूरक बजट क्यो? अनुपूरक बजट पेश करते ही सदस्य इंद्रेश यादव ने इस प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा 22-23 के वित्त वर्ष के अनुमोदित बजट में से अभी तक लगभग 13 करोड़ मात्र ही खर्च हो पाया है यह कुल अनुमोदित बजट के आधे से भी काफी कम है। जिला पंचायत अधिनियम का नियम 47 साफ साफ कहता है कि अगर पिछले बजट में पैसा बाकी है तो अनुपूरक बजट पेश नही किया जा सकता।
इस पर अपर मुख्य अधिकारी ने बताया कि क्रमिक भुगतान किया जाना है, अभी काफी काम शुरू होने है। सदन ने जोरदार लहजे में कहा कि जो काम शुरू नही हुए उन्हें निरस्त किया जाए और संशोधित बजट पेश किया जाय। विपक्ष की इस मांग पर सदन में सन्नाटा पसर गया लेकिन बाद में एक संशोधन के साथ अनुपूरक बजट को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गयी । बैठक से गैरहाज़िर कई विभागीय अफसरो के रवैये पर सदन ने की कड़ी आपत्ति जताई इसमें सत्ता और विपक्ष दोनो ओर के सदस्य शामिल थे। विधायक कैलाश राजपूत ने इन अफसरों के विरुद्ध उनके विभागाध्यक्षो को पत्र भेजकर शिकायत दर्ज कराने का प्रस्ताव रखा। जिसे सदन ने हर्ष ध्वनि से मंजूरी दे दी। विधायक ने ही राशन कोटेदारों द्वारा मुफ़्त अनाज के साथ साबुन, तेल जैसी कई चीजें जबरन बेचने पर जिला पूर्ति अधिकारी से कड़ी आपत्ति जताई और सफाई मांगी। वे सदन में इसे विभाग की मिली भगत बताने से भी नही चुके। भड़के विधायक तिर्वा को डीएसओ के प्रतिनिधि अंकित अग्रवाल ने समझाने और सफाई देने की भरपूर कोशिश की लेकिन उन्होंने समूचे विभाग को कड़ी चेतावनी देते हुए यह मामला शासन स्तर पर उठाने की बात कह डाली ।
सदस्यों ने एक स्वर से ओलावृष्टि के चलते किसानों को मुआबजे की मांग उठाई। सांसद और विधायक ने कहा कि वे इस बारे में पहले ही डीएम से विस्तार से वार्ता कर चुके है और जिलाधिकारी इस मामले में कार्रवाई करा रहे है। उन्होंने सदन को इस मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।