बदलती जीवन शैली शादी शुदा जीवन पर डाल रही है प्रभाव
फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) विवाह के बाद दंपति के जीवन में प्रेम की सबसे बड़ी बुनियाद है सेक्स। सेक्स स्त्री और पुरुष दोनों के लिए ही समान मायने रखता है और यह दोनों को सुख की अनुभूति देता है। ख़ुशहाल जीवन जीने के लिए आनंददायक सेक्स ज़रूरी है, पर हर उम्र के अनुसार सेक्स की चाहत में भी बदलाव आते रहते हैं। कारण चाहे उम्र का तकाज़ा हो, बढ़ती जिम्मेदारियां हों या फिर हार्मोंस में बदलाव। यह कहना है सिविल अस्पताल लिंजीगंज में तैनात फिजिशियन डॉ ऋषि नाथ गुप्ता का l
डॉ ऋषि ने बताया कि टीनएज में सेक्स की चाहत टीनएज यानी किशोरावस्था में बॉडी में हार्मोनल चेंजेस के दौरान सेक्स हार्मोंस का स्तर काफ़ी तेज़ी से बढ़ता है, जिसके कारण सेक्स को लेकर उत्सुकता और रोमांच भी काफ़ी होता है। इसलिए सेक्स को लेकर सबसे ज्यादा एक्सपेरिमेेंट्स इसी उम्र में होते हैं l
18 से 35 तक की उम्र में सेक्स की चाहत
डॉ ऋषि ने बताया कि इस उम्र में सेक्सुअल संतुष्टि के लिए मन में बहुत ज्यादा उत्साह व उत्तेजना रहती है। एक-दूसरे को स्पर्श करना, सहलाना, बाहों में भरना, इस उम्र में एक आम बात है। वे यह मानकर चलते हैं कि सेक्स इसी के आगे का एक ख़ूबसूरत पड़ाव है। युवा लड़के सेक्स को लेकर अक्सर तरह-तरह के ख़्वाब और फैंटेसी की कल्पना करते रहते है। वे अपने दोस्तों के साथ आपस में सेक्स के बारे में भी खूब बातें किया करते हैं। सेक्स को लेकर उनमें कई तरह की जिज्ञासाएं व उत्तेजनाएं रहती हैं। युवतियां भी इसी तरह के मनोभाव से गुज़रती हैं, पर कुछ सेक्सुअल रिलेशन बनाने से पहले वे कुछ चीजों में कंफर्टेबल होने के बाद ही सेक्स में सहज हो पाती हैं।
महिलाओं की चाहत होती है कि वे अपने पार्टनर के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिताएंगी, उनके बीच प्यार भरी बातचीत होगी, दोनों एक दूसरे को समझेंगे, तभी दोनों में एक-दूसरे के प्रति प्यार, चाहत और समर्पण की भावना जागेगी, उसी के बाद सही मायने में वो उस व्यक्ति के साथ सेक्सुअली इन्वॉल्व होंगी। हालांकि इस उम्र में अधिकतर लड़कियां अपनी इच्छाओं को जाहिर करने से कतराती हैं। वे चाहती हैं कि पार्टनर उनकी चाहत को ख़ुद समझ जाएं। यदि प्रेमी या पति ऐसा नहीं कर पाते या वे ज्यादा सेंसिटिव नहीं हैं, तो यह उनके तनाव और डिप्रेशन का कारण बनने लगता है, जो विभिन्न प्रकार के मानसिक-शारीरिक असंतुलन को उत्पन्न करता है।
आमतौर पर इस उम्र की युवतियों में कई बार सेक्स की तीव्र इच्छा होती है, पर वे पार्टनर से अपने मन की बात कहने से हिचकिचाती हैं और चाहती हैं पार्टनर उनकी इच्छा को ख़ुद ही समझ जाए। शादी के बाद युवतियां प्रेग्नेंट होने के लिए भी बहुत एक्साइटेड रहती हैं और जैसे ही वे गर्भवती होती हैं, उनकी सेक्सुअल डिज़ायर में कमी आने लगती है।
35 से 50 तक की उम्र में सेक्स के प्रति लोगों की चाहत
बहुत से पुरुष और महिला जब 35 की उम्र तक पहुंचते हैं, तो उनका सेक्स के प्रति झुकाव कम होने लगता है। ऐसा नहीं है कि उनकी इच्छाओं में कमी होती है, बल्कि ये परिवर्तन फीजिकली लेवल से उठकर भावनात्मक व समझदारी की ओर टर्न हो जाता है। दोनों की ही पहली ज़रूरत होती है कि वे एक-दूसरे से भावनात्मक और बौद्धिक स्तर पर जुड़ें, तभी वे एक-दूसरे की सेक्सुअल डिजायर को महसूस कर सकते हैं।
यह बात भी है कि 35 की उम्र में सेक्स की फ्रीक्वेंसी 20 की उम्र के मुक़ाबले कम हो जाती है, पर सेक्स की क्वॉलिटी में इज़ाफ़ा ज़रूर हो जाता है, क्योंकि दोनों पार्टनर काफ़ी मैच्योर हो चुके होते हैं। दोनों एक-दूसरे को समझ चुके होते हैं। साथ ही दोनों पार्टनर जान चुके होते हैं कि सेक्स के दौरान एक-दूसरे को किस तरह से आनंद व रिलैैक्सेशन देना है और किसे क्या पसंद हैैं। जिसके कारण इस उम्र में सेक्स बेहतर व संतुष्टि देनेवाला होता है। चूंकि यही यह उम्र होती है, जब महिला (यदि वर्किंग है) और पुरुष अपने करियर को संवारने में अधिक गंभीरता से जुट जाते हैं, जिससे फिजिकली और मेंटल एनर्जी ज्यादा ख़र्च होने लगती है।
इस दौरान समय की कमी, ऑफिस का वर्क प्रेशर, घर परिवार की जिम्मेदारियों के चलते सेक्स लाइफ भी काफ़ी हद तक प्रभावित होती है। हालांकि सेक्स पर किए गए स्टडी के अनुसार, 35 से 45 के उम्र की महिलाएं सेक्स मेें एक्टिव रूप से हिस्सा लेती हैं और सेक्स को सबसे ज़्यादा एन्जॉय करती हैं।