बीतें दिनों बहुजन समाज पार्टी से जिले में क्रान्ति पाण्डेय को टिकट
फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) एक लंबे अर्से के बाद जिला फर्रूखाबाद के बिगड़े बहुजन समाज पार्टी के समीकरणों में एक बार फिर से बहन कु0 मायावती के पसंदीदा उम्मीदवार को टिकट मिलने के बाद जिले के सवर्ण मतदाताओं में एकजुट होने की उम्मीद एक बार फिर जाग उठी है। बीते दिनों बसपा की सीट पर जिला फर्रूखाबाद में वर्षों से काबिज चले आ रहे एक व्यापारी के अचानक भाजपा में शामिल होते ही बहुजन समाज पार्टी से किस्मत आजमाने उतरे पूर्व छात्र नेता क्रान्ति पाण्डेय का बीते दिना में बसपा से लोक सभा चुनाव का टिकट मिलने के बाद जिले के सर्वण मतदाताओं ने हाथोंहाथ लिया है। पहली बार इस चुनावी महासंग्राम में पाण्डेय के उतरने के बाद से राजनीतिक दिग्गजों के समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे है।
बता दें आजादी के बाद से जिले में होने बाले लोक सभा चुनाव के पहले ब्राह्मण उम्मीदवार मूल चन्द्र दुवे ने 1952 में के चुनावी संग्राम में जीत का शंखनाद किया था और उनकी इस जीत का सिलसिला लगातार तीन बार तक चला था। इस बार भी 2024 के लोकसभा के चुनावी संग्राम में जिले की राजनीति को इतिहास दोहराने की उम्मीद जाग उठी है। ऐसा इसलिए है, क्यांेकि एक बार फिर जिले से बहुजन समाज पार्टी की मुखिया बहन कुमारी मायावती ने ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए पूर्व छात्र नेता क्रान्ति पाण्डेय को बीते दिन टिकट दे दिया है।
छात्र नेता रहे क्रान्ति पाण्डेय ने जिले की राजनीति में पिछले दरवाजे से कई बार ऐसे कई चुनावी संग्रामों में बसपा के वोटों को जोड़ने में कोई कसर नहंी छोड़ी है। आज उनकी ही मेहनत का नजीता है जो उन्हें बसपा से लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरने का मौका मिला है। बसपा के इस ब्राह्मण कार्ड से उतरे क्रान्ति पाण्डेय के रणक्षेत्र में आने बाद से जिले में नोट से लेकर वोट की राजनीति करने वालों के चुनावी समीकरण बिगड़ गये है। वहीं मतदाताओं में भी नोट और वोट के बीच की राजनीति को खत्म कर जिले के विकास की उम्मीद जागी है। ऐसा इसलिए है क्योेंकि जिले में कद्दावर नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी के बाद से जिले में किसी भी राजनीति के ठेकेदारों ने आज तक जिले के विकास को ध्यान में नहीं रखा है। बसपा के इस प्रत्याशी से अन्य दलों के प्रत्याशी नये नये गठजोड़ में जुट गये है।