कन्फ्यूजन दूर, अखिलेश ही ठोकेंगे कन्नौज से ताल

बृजेश चतुर्वेदी

कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) 42 संसदीय सीट कन्नौज से अब अखिलेश यादव का चुनाव लड़ना तय हो गया है। गुरुवार दोपहर वह नामांकन करेंगे। अखिलेश ने 2 दिन पहले भतीजे तेज प्रताप को इस सीट से टिकट दिया था। तेज प्रताप को लेकर स्थानीय नेताओं में भारी विरोध था। इसे देखते हुए और सीट बचाने के लिए अखिलेश ने खुद मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। हालांकि पार्टी की तरफ से इसका अभी तक अधिकृत ऐलान नहीं किया गया है।

आज इटावा पहुंचे अखिलेश ने कन्नौज से चुनाव लड़ने का संकेत भी दे दिया। मीडिया ने उनसे पूछा-कन्नौज से आपके चुनाव लड़ने की चर्चा है। आप लड़ेंगे या तेज प्रताप ? अखिलेश ने कहा-जब नॉमिनेशन होगा तो आपको खुद पता लग जाएगा। हो सकता है नॉमिनेशन से पहले ही आपको जानकारी हो जाए। अखिलेश ने इस दौरान भतीजे तेज प्रताप का नाम तक नहीं लिया।

सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने भी कल देर रात   बातचीत में अखिलेश के चुनाव लड़ने की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा-कोई कंफ्यूजन नहीं है। गुरुवार को 12 बजे अखिलेश कन्नौज से नामांकन करेंगे। वहीं, पार्टी के एक अन्य सीनियर लीडर ने भी अखिलेश के कन्नौज से चुनाव लड़ने की पुष्टि की।

कल सपा ने 7 सेट में खरीदा था नामांकन पत्र 

कन्नौज सीट के लिए मंगलवार को सपा के 4 कार्यकर्ताओं ने 7 सेट में नामांकन पत्र खरीदा था। सूत्रों ने बताया कि इसमें अखिलेश यादव के नाम का भी पर्चा था। आमतौर पर एक प्रत्याशी 4 सेट में ही नामांकन पत्र खरीदता है। ऐसे में वहां से 7 सेट खरीदने के बाद अखिलेश के चुनाव लड़ने की चर्चा शुरू हो गई थी।

मंगलवार देर रात अखिलेश ने लखनऊ में कन्नौज के लोकल नेताओं की एक मीटिंग बुलाई। इसमें तेज प्रताप को लेकर फीडबैक लिया। सामने आया कि तेज प्रताप को लोकल नेताओं का सपोर्ट नहीं मिल रहा है। ऐसे में परिवार की इस सीट पर पेंच फंस सकता है। अखिलेश ने इसके बाद खुद वहां से उतरने का फैसला किया।

मंगलसूत्र का महत्व शादीसुदा ही समझ सकते हैं

अखिलेश यादव ने मंगलसूत्र विवाद पर कहा- जिनकी शादी हो चुकी है, वह लोग उसके महत्व को समझ सकते हैं। मंगलसूत्र से बड़ी बात नौकरी है। लोगों को नौकरी दे दें, ताकि उनकी भी शादी हो जाए। भाजपा के लोग जनता को गुमराह करके कोर्ट के अधिकार को भी छीनना चाहते हैं। उनके अंदर निराशा है।

भाजपा लौटी तो अग्निवीर की तरह खाकी की नौकरी भी 3 साल की होगी 

भाजपा के नेता विकास, किसान की आय, किसी पर नहीं बोल रहे हैं। आपको एक बात और बताता हूं। अग्निवीर की तरह खाकी की नौकरी भी 3 साल की होने जा रही है। किसी को पता था कि अग्निवीर आएगा, किसी को पता था कि नोटबंदी हो जाएगी, इसलिए पुलिसवाले भी समाजवादियों का साथ देने जा रहे हैं।

हर वर्ग के लोगों को भाजपा ने धोखा दिया

अखिलेश ने कहा- ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स ने वसूली की है। वैक्सीन वाली कंपनी से भी चंदा ले लिया है। सभी ने वैक्सीन लगवाई, हमने नहीं लगवाई है। बीमारी भगाने के लिए ताली-थाली बजवा दी। हर वर्ग के लोगों को बीजेपी ने धोखा दिया है।

अखिलेश यादव ने कहा पीडीए ने एनडीए के होश उड़ा दिये है। पहले चरण से गठबंधन का भविष्य दिख रहा है। बीजेपी जल्द इतिहास बनने जा रही है। चुनावी बॉन्ड के नाम पर अवैध वसूली की गई है।

सरकार संविधान बदलना चाहती है

अखिलेश ने कहा- बीजेपी के लोगों ने जो चंदा लिया है, उसे चंदा कहना ही गलत होगा, वो तो वसूली की गयी है। ये सरकार संविधान बदलना चाहती है, संविधान है तो हमारा मान और सम्मान रहेगा। संविधान हमारी संजीवनी है।

मुलायम का गढ़, परिवार की सीट है कन्नौज

कन्नौज सीट को सपा का गढ़ कहा जाता है। यहां से पहले सांसद डॉक्टर राममनोहर लोहिया थे। लोहिया 1967 में सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर कन्नौज सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे। इस सीट का मुलायम परिवार से भी पुराना नाता है। 1998 में सपा के टिकट पर प्रदीप यादव जीते थे और 1999 में यहां से मुलायम सिंह यादव को जीत मिली थी।

मुलायम के यह सीट छोड़ने के बाद उपचुनाव में अखिलेश जीते और तब से 2019 में डिंपल की हार तक यह सीट मुलायम परिवार के पास ही रही। इस सीट से मुलायम और अखिलेश के साथ ही डिंपल भी सांसद रही हैं।

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