कन्नौज : विश्व पर्यावरण दिवस पर लाख बहोसी पक्षी विहार में हुआ भव्य आयोजन

बृजेश चतुर्वेदी

कन्नौज। (आवाज न्यूज ब्यूरो) विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा लाख बहोसी पक्षी विहार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की विषयवस्तु “भूमि पुनर्स्थापन मरूस्थलीकरण एवं सूखा अनुकूलन” के अन्तर्गत जिला पर्यावरण समिति के तत्वाधान में यह कार्यक्रम स्थानीय जन एवं विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता से सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों के लिए स्लोगन राइटिंग, चित्रकला एवं क्विज प्रतियोगिताएँ आयोजित की गयी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राम कृपाल चौधरी, मुख्य विकास अधिकारी एवं अध्यक्ष व आयोजक डॉ० हेमन्त कुमार सेठ, प्रभागीय वनाधिकारी कन्नौज, डॉ० जितेन्द्र कुमार नाग, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, सूर्यमणि सिंह अधिशाषी अभियन्ता सिंचाई विभाग, राजेन्द्र प्रकाश जिला पंचायतराज अधिकारी, डॉ० पूरन सिंह जिला विद्यालय निरीक्षक,  उपासना रानी वर्मा बेसिक शिक्षा अधिकारी, श्री रतीराम वर्मा खण्ड विकास अधिकारी हसेरन द्वारा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया, जिनका वन विभाग के अधिकारियों द्वारा शमी, आँवला इत्यादि के पौधेयुक्त गमले देकर हरित स्वागत किया गया।

अतिथिगण द्वारा विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरण किया गया। स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में आदर्श कान्वेन्ट स्कूल के गौरव (कक्षा-6) ने प्रथम स्थान, जनता इण्टर कॉलेज के अंकित राजपूत (कक्षा-8) व अरूण राजपूत (कक्षा-7) ने कमशः द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। चित्रकला प्रतियोगिता में मॉडर्न पब्लिक स्कूल की दिव्यांशी (कक्षा-5) ने प्रथम स्थान, सरदार पटेल इण्टर कालेज, कचाटीपुर की देवकी (कक्षा-11) ने द्वितीय स्थान एवं बहोसी ग्राम के अंशु (कक्षा-4) ने तृतीय प्राप्त किया। क्विज प्रतियोगिता में सरदार पटेल इण्टर कालेज, कचाटीपुर की राधा तोमर (कक्षा-12) व अनुराग (कक्षा-10) ने कमशः प्रथम व द्वितीय स्थान तथा एस०एस०डी० के०एम० विद्यालय कन्नौज के सौरभ (कक्षा-10) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। 

 मुख्य विकास अधिकारी ने अपने उद्बोधन में वृक्षारोपण, नदियों एवं भू-जल का संरक्षण, वन्य जीवों का महत्व इत्यादि पर प्रकाश डाला तथा सभी को न्यूनतम 01 पेड प्रतिवर्ष लगाने तथा उनकी रक्षा करने का आग्रह किया। डॉ० जितेन्द्र कुमार नाग, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी ने अपने सम्बोधन में पर्यावरण के महत्व, पर्यावरण प्रदूषण के दुष्परिणाम तथा इसके वर्तमान उदाहरण जैसे अत्यधिक बढ़ती गर्मी, बीमारियाँ, सूक्ष्म जीवों की दवाईयों के प्रति बढ़ती सहनशीलता, मानव जीवन पर इन सबके सम्भावित आगामी दुष्परिणाम इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न उपाये यथा-वृक्षारोपण एवं ऊर्जा व संसाधनों का धारणीय उपयोग इत्यादि पर भी बल दिया। सूर्यमणि सिंह, अधिशाषी अभियन्ता, सिंचाई विभाग ने अपने सम्बोधन में वनों एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए सभी का सम्मिलित प्रयास करने हेतु आवाहन किया। 

इस अवसर पर उपस्थित समस्त अतिथिगण तथा स्थानीय निवासियों एवं विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण हेतु शपथ लेते हुए हस्ताक्षर अभियान में भी प्रतिभाग किया। अन्त में डॉ० हेमन्त कुमार सेठ, प्रभागीय वनाधिकारी ने उपस्थित समस्त अतिथियों, स्थानीय जन एवं विद्यार्थियों तथा मीडिया के बन्धुओं का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया तथा यह याद दिलाया कि पर्यावरण का संरक्षण वास्तव में मानव जाति के इस पृथ्वी पर अपने अस्तित्व को बचाये रखने के लिए परम आवश्यक है। अतिथिगण ने पक्षी विहार में विचरण कर रहे पक्षियों को दूरबीन से देखा तथा पक्षी विहार के इन्टरप्रिटेशन सेन्टर को अवलोकित कर पक्षियों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

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