कन्नौज : विजय का प्रमाणपत्र लेकर बोले अखिलेश यह सर्वहारा वर्ग की जीत

बृजेश चतुर्वेदी

कन्नौज। (आवाज न्यूज ब्यूरो) पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जीत से जिले के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। ऐसे में बुधवार सुबह जैसे ही कार्यकर्ताओं को अखिलेश यादव के कन्नौज आने की जानकारी मिली तो बड़ी तादाद में लोग समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय पहुंच गए।

कन्नौज जिले के मानीमऊ कस्बे से लेकर पाल चौराहे तक कार्यकर्ताओं ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया। सपा कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं की भीड़ ने ढोल की थापों पर थिरकते हुए उनका स्वागत किया। यहां से अखिलेश का काफिला सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचा। जहां 42 कन्नौज के निर्वाचन अधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल ने उन्हें जीत का प्रमाण पत्र दिया।

कलेक्ट्रेट से बाहर निकलते वक्त मीडिया कर्मियों ने उनसे बात करने का प्रयास किया, लेकिन दिल्ली निकलने की बात कहते हुए उन्होंने बात करने से मना कर दिया। वह कुछ देर ही सपा कार्यालय में रुके और कार्यकर्ताओं को जीत का श्रेय देते हुए उन्हें बधाई भी

दी। इसके बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए। जहां वह शाम को होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होंगे।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कन्नौज संसदीय सीट पर पहली बार वर्ष 2000 चुनाव लड़ा था और यहां से जीत भी हासिल की थी। वह लगातार 3 बार कन्नौज से सांसद चुने गए। वर्ष 2012 में उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद कन्नौज सीट से इस्तीफा दिया था और फिर अपनी पत्नी डिम्पल यादव को उपचुनाव लड़ाया था। जिसमें वह निर्विरोध निर्वाचित हुई थीं। 2014 में भी डिम्पल यादव कन्नौज सीट से सांसद चुनी गईं थीं।

वर्ष 2019 में भाजपा के सुब्रत पाठक ने उन्हें चुनाव हरा दिया था। इस हार के बाद से समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में आपसी फूट पड़ने लग गई थी, जिस कारण कन्नौज में समाजवादी पार्टी पूरी तरह बिखर गई थी हालांकि 12 वर्ष बाद एक बार फिर अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट बड़े अंतर से जीतकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में सफलता हासिल कर ली है। उनकी इस जीत से पार्टी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है।

अखिलेश यादव ने जनता का धन्यवाद किया

इसके पहले उन्होंने एक्स पर लिखा कि उनकी जीत दलित और बहुजन भरोसे की जीत है। सकारात्मक राजनीति की जीत है। अखिलेश यादव ने बीजेपी के सुब्रत पाठक को 170922 वोटों से हराया है। 2019 में यहीं से सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को 12315 मतो से हराया था।

अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि यह इंडिया गठबंधन की जनप्रिय जीत है। दलित-बहुजन ने उन पर भरोसा किया है। पिछड़े, अल्पसंख्यक, आदिवासी, आधी आबादी अगड़े  पिछड़े, सभी ने उपेक्षा, शोषण, उत्पीड़न के खिलाफ समाज के हर वर्ग ने साथ मिलकर संविधान को बचाने के लिए संघर्ष किया है। जो समता, समानता, स्वाभिमान और आरक्षण का अधिकार देता है। यह गठबंधन दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी आधी आबादी अगड़े में पिछड़े के मजबूत गठबंधन की जीत है।

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