लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूजीसी-नेट का इम्तेहान रद्द होने को लेकर बृहस्पतिवार को कहा कि यह देश के शासन-प्रशासन और मानव संसाधन के खिलाफ कोई बहुत बड़ा षड्यंत्र भी हो सकता है, लिहाजा अदालत की निगरानी में इसकी जांच कराकर दोषियों को कठोरतम सजा दी जानी चाहिए।
श्रीयादव ने यहां एक बयान में कहा, फरवरी में उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती व समीक्षा अधिकारी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद अब नीट परीक्षा को मजाक बना दिया गया है। यूजीसी-नेट की परीक्षा भी रद्द हो गयी। भाजपा सरकार में पेपर माफिया एक के बाद एक परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक कर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सपा प्रमुख ने कहा कि नीट की परीक्षा में घपला होगा तो ईमानदार लोग डॉक्टर नहीं बन पाएंगे और बेईमान लोग जनता के जीवन के लिए खतरा बन जाएंगे, इसी तरह यूजीसी-नेट की परीक्षा न होने से पहले से ही चली आ रही शिक्षकों की कमी में और भी ज्यादा इजाफा होगा, शिक्षकों की कमी से देश के विकास में बाधा उत्पन्न होगी।
श्रीयादव ने कहा, यह हमारे देश के शासन-प्रशासन व देश के मानव संसाधन के विरूद्ध कोई बहुत बड़ा षड्यंत्र भी हो सकता है, जिसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम होंगे। इसीलिए अदालत की निगरानी में इसकी कठोर जांच हो और दोषियों को कठोरतम सजा दी जाए। किसी भी अपराधी को बख्शा न जाए, फिर वो चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो या फिर उसके सिर पर सत्ता का हाथ ही क्यों न हो।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सत्तारूढ़ भाजपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, लोग कह रहे हैं जो भ्रष्ट लोग कोरोना टीके के सहारे चुनावी चंदे के नाम पर करोड़ों रूपये खा सकते हैं, वे भला परीक्षा-प्रणाली को क्या छोड़ेंगे? यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार कोई परीक्षा पारदर्शिता से नहीं करा पा रही है, भर्ती परीक्षाओं के कई पेपर पहले ही लीक हो चुके है, भाजपा सरकार ने छात्रों, नौजवानों का भविष्य अंधकार में डाल दिया है।
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