जनपद में 10 जनवरी को मनाया जाएगा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस

होगी गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जाँच

गर्भ में पलने बाले बच्चे के प्रति कोरोना काल में बरतें विशेष सतर्कता-डॉ दलवीर सिंह

फर्रुखाबाद | (आवाज न्यूज ब्यूरो) प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत जनपद के डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला, सिविल अस्पताल लिंजीगंज, नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोलेपुर, नौलक्खा, साहबगंज, रकाबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्दाबाद, नवावगंज, बरौन, शमसाबाद, राजेपुर, कमालगंज कायमगंज और कम्पिल  में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन हर माह की 9 तारीख को किया जाता है| लेकिन 9 तारीख का रविवार पड़ने की वजह से यह दिवस 10 जनवरी को आयोजित किया जाएगा। इसीलिए सभी गर्भवती महिलाएं अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच अवश्य करवाएं यह कहना है अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दलवीर सिंह का |डॉ सिंह ने बताया – कोरोना काल में भी सफलतापूर्वक प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया जाता रहा है। इसलिए सोमवार को आयोजित होने वाले इस दिवस पर गर्भवती स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर निशुल्क जांच कराएं  और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें, घर से निकलते वक्त मास्क अवश्य लगाएं और अपने हाथों को बार बार साबुन से धोती रहें, बाहर से आने जाने वाले लोगों से दूरी बना के रखें ।डॉ सिंह ने कहा कि गर्भवती अपना विशेष ध्यान रखें और इस अवस्था में ज्यादा तनाव न लें  क्योंकि तनाव में रहने से गर्भस्थ शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ेगा | समय-समय पर  नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर स्वास्थ्य की जांच करा लें। इसके साथ ही इस दौरान आने वाली महिला – पुरुष को परिवार नियोजन के साधनों के प्रति भी जागरूक किया जायेगा |जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता अतुल गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग का भरसक प्रयास रहता है कि किस तरह से जच्चा और बच्चा को सुरक्षित रखा जाये | इसके लिए समय समय पर अभियान चलाकर और आशा कार्यकर्त्ता के माध्यम से गर्भवती  को सुरक्षित प्रसव के लिए जागरूक किया जाता है |अतुल ने बताया कि इस अभियान के दौरान दूसरी और तीसरी तिमाही की गर्भवती महिलाओं की आवश्यक प्रसव पूर्व जांच, ब्लड प्रेशर,वजन, रक्त व पेशाब की जांच, मधुमेह, एचआईवी , अल्ट्रासाउंड जांच आदि निशुल्क कराई जाती है।
अतुल ने बताया कि जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस अभियान के दौरान अब तक 7823 गर्भवती  की जाँच की गई जिसमें से 798 गर्भवती उच्च जोखिम की अवस्था में मिलीं,  जिनका इलाज किया गया |इनमें से 419 महिलाओं का सुरक्षित संस्थागत प्रसव भी कराया जा चुका है |अतुल ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर आशा द्वारा उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की गर्भवती महिला की जाँच कराने पर सरकार द्वारा 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है |क्या है उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था वह अवस्था है जिसमें माँ या उसके भ्रूण के स्वास्थ्य या जीवन को खतरा होता है, किसी भी गर्भावस्था में जहाँ जटिलताओं की संभावना अधिक होती है,  उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेगनेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में रखा जाता है |  इस तरह की गर्भावस्था को प्रशिक्षित चिकित्सक  की विशिष्ट देखभाल की आवश्यकता होती है |
 इनको रखते हैं उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की श्रेणी में • कम उम्र में गर्भावस्था • कम वजन • ज्यादा उम्र (35 वर्ष से अधिक)• गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप• गंभीर एनीमिया (7 ग्राम से कम  हीमोग्लोबिन)

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