नीति आयोग की बैठक : मीटिंग छोड़ बीच में निकलीं ममता बनर्जी, माइक बंद करने का लगाया आरोप

‘‘बैठक में हुआ मेरा अपमान, मुझे केवल 5 मिनट बोलने का मौका दिया : ममता बनर्जी’’
‘‘माइक बंद करने का आरोप गलत : सरकार’’
नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 9वीं बैठक आज राजधानी दिल्ली में आयोजित हो रही है। इस बैठक को लेकर पिछले कई दिनों से सियासत जारी है। दरअसल, बजट में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कुछ गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने इस बैठक से किनारा किया। जिनमें कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे राज्य प्रमुख हैं। हालांकि, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बैठक में शामिल होने का फैसला किया था। जिसके चलते वो बैठक में पहुंची भी। लेकिन ममता बनर्जी बीच में ही अचानक नीति आयोग की बैठक से बाहर निकल आईं, जिसके बाद उन्होंने बैठक में अपने अपमान की बात कहते हुए केंद्र पर गंभीर आरोप लगाए।
बैठक को बीच में ही छोड़कर बाहर निकलीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें बोलने का मौका नहीं देने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने बैठक का बहिष्कार किया है। चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए, असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के सीएम ने 10-12 मिनट तक बात की। लेकिन मुझे सिर्फ 5 मिनट बोलने की अनुमति दी गई। ममता ने कहा कि मैंने बैठक में कहा कि आपको (केंद्र सरकार) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं बोलना चाहती थी, लेकिन मुझे पर्याप्त मौका नहीं मिला। विपक्ष की ओर से केवल मैं ही इस कार्यक्रम में भाग ले रही थी, लेकिन फिर भी मुझे बोलने नहीं दिया गया। यह अपमानजनक है।
बंगाल की सीएम ने आगे आरोप लगाया कि जब मैं बोल रही थी उस समय मेरा माइक बंद कर दिया गया। मैंने पूछा कि मुझे क्यों बोलने से रोका गया। मेरे साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। आपको अपनी पार्टी और सरकार को अधिक अवसर देने के बजाय इस पर खुश होना चाहिए कि मैं बैठक में शामिल हुईं। विपक्ष की ओर से केवल मैं हूं और आप मुझे बोलने से रोक रहे हैं। यह केवल बंगाल का अपमान नहीं बल्कि यह सभी क्षेत्रीय दलों का अपमान है।
वहीं सरकारी सूत्रों का इस मामले पर कहना है कि नीति आयोग की मीटिंग के दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम का माइक बंद होने का आरोप सही नहीं है। घड़ी में सिर्फ यही दिखा कि उनका बोलने का समय खत्म हो गया है। यहां तक कि घंटी भी नहीं बजाई गई। अल्फाबेटिकली उनकी बारी लंच के बाद आती। पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें 7वें स्पीकर के रूप में शामिल किया गया था, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था।
नीति आयोग की इस बैठक में एनडीए के साथी व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल नहीं हुए। अधिकारियों ने बताया कि बैठक में राज्य का प्रतिनिधित्व उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने किया। नीतीश के बैठक अनुपस्थित रहने का कारण अभी पता नहीं चल सका है। हालांक, नीतीश कुमार के बैठक से किनारा करने पर अब सवाल उठने लगे हैं और तरह-तरह के कयास भी लगाए जाने लगे हैं। बता दें कि केंद्रीय बजट में बिहार के लिए कई घोषणाएं की गई हैं।
नीति आयोग की बैठक पर राजद नेता मनोज कुमार झा ने कहा कि नीति आयोग क्या है? एक शैक्षणिक अभ्यास के लिए पीएम मोदी ने एक बॉडी बना दी। इन्हें योजना आयोग से क्या दिक्कत थॉ? सिर्फ इसलिए दिक्कत हुई क्योंकि ये नेहरू के जमाने से था। तो नेहरू के जमाने की तो बहुत सी चीजें हैं। संसदीय लोकतंत्र नेहरू के कल्पना के बगैर नहीं चलेगा। गणितीय शब्द से सच्चाई नहीं बदलती।

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