फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) फाइलेरिया न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इससे मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। यह कहना है उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर सी माथुर का l
इसी को लेकर पीसीआई संस्था द्वारा विद्यालयों, मदरसों , रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड , धर्म गुरु से अभियान को सफल बनाने की अपील की जा रही है l
इसी को लेकर मदरसा फैजाने इमामे आजम में शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों को अभियान के बारे में जानकारी दी और शपथ भी दिलाई गई कि सभी लोग फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन अवश्य करें l इस दौरान मदरसा के प्रधानाचार्य मोहम्मद मेहराज, पीसीआई से अनुपम मिश्र सहित अन्य लोग मौजूद रहे l
डॉ माथुर ने कहा कि फाइलेरिया एक घातक बीमारी है। ये साइलेंस रहकर शरीर को खराब करती है। यही कारण है कि इस बीमारी की जानकारी समय पर नहीं हो पाती। हालांकि सजगता से फाइलेरिया बीमारी से बचा जा सकता है।
डॉ माथुर ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी को खत्म करने के लिए हमें हर बार अभियान में दवा का सेवन पूरे परिवार के साथ जरूर करना चाहिए।
डॉ माथुर ने कहा कि इस वर्ष यह अभियान 10 अगस्त से शुरू होकर 28 अगस्त तक चलेगा इस दौरान स्वास्थ्य कर्मी घर घर जाकर योग्य लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएंगे l
फाइलेरिया के लक्षण
आमतौर पर फाइलेरिया के कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते। हालांकि बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन की समस्या होती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाइड्रोसिल (अंडकोषों की सूजन) भी फाइलेरिया के लक्षण हैं। चूंकि इस बीमारी में हाथ और पैरों में हाथी के पांव जैसी सूजन आ जाती है, इसलिए इस बीमारी को हाथीपांव कहा जाता है।
ऐसे करें फाइलेरिया से बचाव
- फाइलेरिया चूंकि मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि मच्छरों से बचाव किया जाए। इसके लिए घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखें।
- पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें। फुल आस्तीन के कपड़े पहनकर रहें।
- सोते वक्त हाथों और पैरों पर व अन्य खुले भागों पर सरसों या नीम का तेल लगाएं।
- हाथ या पैर में कही चोट लगी हो या घाव हो तो उसे साफ रखें। साबुन से धोएं और फिर पानी सुखाकर दवा लगाएं।