शहर में फाइलेरिया की अलख जगाने निकले फाइलेरिया वाहन 

फर्रुखाबाद l (आवाज न्यूज ब्यूरो) फाइलेरिया एक लाईलाज बीमारी है इससे निपटने के लिए वर्ष में एक बार फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जायेगी i इसी को लेकर जिलाधिकारी डॉ वी के सिंह ने जिलाधिकारी कार्यालय से 8 फाइलेरिया वाहनों को शहर में जनमानस के बीच जागरूकता फैलाने के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया l इसी को लेकर मदन मोहन कनौडिया बालिका इन्टर कॉलेज में छात्राओं ने पोस्टर प्रतियोगिता के माध्यम से लोगों को फाइलेरिया यानि हांथी पांव के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया l जिलाधिकारी ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि 10 अगस्त से चलने वाले फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के दौरान दो वर्ष से ऊपर के सभी लोग फाइलेरिया से बचाव की दवा अवश्य खाएं l मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनींद्र कुमार ने कहा फाइलेरिया का दंश कितना दर्दनाक होता है यह कोई फाइलेरिया रोगी से जाकर पूछे l यह रोग किसी को न हो इसके लिए प्रदेश के 27 जनपदों में 10 अगस्त से 28 अगस्त के बीच फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलाया जाएगा l 

उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने कहा कि  हाईड्रोसील हो जाना, हाथी पाँव हो जाना, महिलाओ के स्तन में सूजन आ जाना यह सब फ़ाईलेरिया रोग के लक्षण हैं, फ़ाईलेरिया रोग मच्छरों द्वारा फैलता है । खासकर क्यूलैक्स मादा मच्छर के जरिए । जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है फिर यह मच्छर रात के समय किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काट लेता है तो फाइलेरिया रोग के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया रोग से ग्रसित कर देते हैं।   इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम इसका समाधान है। फाइलेरिया के लक्षण नहीं दिखने पर भी इस दवा का सेवन  करना जरूरी है।

जिला मलेरिया अधिकारी नौसाद अली ने बताया कि फ़ाईलेरिया रोग प्रबंधन के लिए 2 वर्ष से ऊपर तथा 5 वर्ष से छोटे बच्चों को डी.ई.सी. की 1 टैबलेट और एल्वेंडाजोल की 1 टैबलेट दी जाएगी एवं 5 वर्ष से ऊपर और 15 वर्ष से छोटे बच्चों को डी.ई.सी.की 2 टैबलेट व एल्वेंडाजोल की 1 टैबलेट तथा 15 वर्ष से ऊपर सभी व्यक्तियो को डी.ई.सी. की 3 टेबलेट व एल्वेंडाजोल की 1 टैबलेट दी जायेगी । डी.ई.सी. एवं अलबेन्डाजोल की टैबलेट को खाली पेट नहीं खाना चाहिए | यह दवाएं  खाना खाने के बाद खानी है ऐसे व्यक्ति जो अधिक बीमार हो, गर्भवती एवं दो  वर्ष से कम आयु के बच्चों को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलाई जाएगी। पीसीआई से शादाब आलम ने कहा कि यह अभियान वर्ष में एक बार चलाया जाता है इसलिए सभी लक्षित वर्ग को इसका सेवन जरूर करना चाहिए l 

फाइलेरिया के लक्षण : 

-सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।

-बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।

-पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल  के रूप में भी यह समस्या सामने आती है। 

फाइलेरिया से बचाव :

*मच्छरो से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें 

*घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूडेदान का प्रयोग करे 

*आसपास पानी न जमा होने दे 

*गन्दे पानी में केरोसिन भी डाल दे 

*चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ़ रखे 

*पूरी बाजू का कपड़ा पहने

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इस दौरान मलेरिया इंस्पेक्टर नरजीत,  पीसीआई से शादाब आलम, अनुपम मिश्र मदन मोहन कनौडिया बालिका इन्टर कालेज की प्रधानाचार्या सुमन त्रिपाठी, समीक्षा अग्निहोत्री सहित अधापिकाएं और छात्राएं मौजूद रहीं l

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