सपा के प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने सीजेआई चंद्रचूड़ पर की अभद्र टिप्पणी, अखिलेश ने दी सफाई

नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ पर अभद्र टिप्पणी की है। दरअसल, देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने रविवार को कहा कि उन्होंने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के समाधान के लिए ईश्वर से प्रार्थना की थी और कहा कि अगर आस्था हो तो ईश्वर कोई भी रास्ता निकाल देते हैं।
जब सीजेआई चंद्रचूड़ की टिप्पणी के बारे में रामगोपाल यादव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ’हमें कोई टिप्पणी नहीं करनी है। जब भूतों को जिंदा करते हो, मुर्दों को करते हो, तो वह भूत बन जाते हैं और जस्टिस के पीछे पड़ जाते हैं। अब कहां हैं। आपको अभी भी बाबरी मस्जिद और मंदिर दिख रहा है। अरे छोड़ो, तमाम üþये इस तरह की बातें करते रहते हैं तो क्या मुझे उन्हें संज्ञान में लेना चाहिए।’ राम गोपाल यादव ने बहराइच की घटना को लेकर कहा कि यहां कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ बल्कि दंगा कराया गया।
क्या कहा था सीजेआई ने?
देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने रविवार को कहा कि उन्होंने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के समाधान के लिए ईश्वर से प्रार्थना की थी और कहा कि अगर आस्था हो तो ईश्वर कोई भी रास्ता निकाल देते हैं। सीजेआई ने कहा, अक्सर हमारे पास मामले (निर्णय के लिए) आते हैं, लेकिन हम समाधान पर नहीं पहुंच पाते। अयोध्या (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जो तीन महीने तक मेरे सामने था। मैं ईश्वर के सामने बैठा और उनसे कहा कि उन्हें इसका समाधान ढूंढना होगा। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने कहा, मेरा विश्वास करें, यदि आपको भरोसा है, तो ईश्वर हमेशा कोई रास्ता निकाल देंगे।
देश के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने नौ नवंबर, 2019 को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करके उस विवादास्पद मुद्दे का निपटारा किया था जो एक सदी से भी अधिक पुराना था। पीठ ने यह भी फैसला दिया था कि अयोध्या में ही वैकल्पिक पांच एकड़ के भूखंड पर मस्जिद बनाई जाएगी। जस्टिस चंद्रचूड़ ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाली पीठ का हिस्सा थे। सीजेआई इस वर्ष जुलाई में अयोध्या में राम मंदिर गए थे और पूजा-अर्चना की थी। राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह इस वर्ष 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित हुआ था।
बाद में सफाई देते नजर आए रामगोपाल यादव
बाद में रामगोपाल यादव भी अपने बयान पर सफाई देते नजर आए। वह तो अपने बयान से ही पलट गए। उन्होंने कहा कि उनसे किसी ने सीजेआई के बारे में नहीं पूछा था। मामला ऐसा गंभीर हो गया कि अखिलेश यादव को भी आकर इस पर सफाई देनी पड़ी। अखिलेश ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है लेकिन सपा का कोई नेता किसी का अपमान नहीं कर सकता।

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