‘‘निजीकरण के खिलाफ देश भर में बिजली कर्मचारियों द्वारा एक घंटे का काम बंद’’
‘‘चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों के साथ आम उपभोक्ता बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आये हैं और 1000 करोड़ रुपये की बिजली परिसंपत्तियों को निजी हाथों में सौंपने का विरोध कर रहे हैं। बीस हजार करोड़ रुपये की बिजली आपूर्ति को मात्र 871 करोड़ रुपये में निजी कंपनी एमिनेंट इलेक्ट्रिक कंपनी को बेच दिया गया।’’
नई दिल्ली/लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) पूर्वांचल और दक्षिणांचल के बिजली निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मी बुधवार को काला दिवस मनाएंगे। सुबह बांह पर काली पट्टी बांध कर कार्य करेंगे। इस दौरान विभिन्न निगमों में कार्मिकों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़नात्मक कार्रवाई का भी विरोध किया जाएगा। बिजली कर्मियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूरे मामले में हस्तक्षेप करने की भी मांग की है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से प्रदेश के बिजली कर्मी नए साल के पहले दिन को काला दिवस के रूप में मनाएंगे। इसके तहत काली पट्टी बांध कर मानव श्रृंखला बनाएंगे। पॉवर कार्पोरेशन के अध्यक्ष और शीर्ष प्रबंधन का सामाजिक बहिष्कार भी करेंगे। समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल, रामकृपाल यादव आदि ने बताया कि बुधवार को बिजली कर्मी भोजनावकाश के दौरान अपने कार्यालय के बाहर आकर काली पट्टी बांधे हुए मानव श्रृंखला बनाकर शांति पूर्वक अपना विरोध दर्ज करेंगे। इस दौरान अनावश्यक तौर पर बड़े पैमाने पर निलंबन और उत्पीड़न के विरोध का भी विरोध किया जाएगा। इसके बाद पांच जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत होगी।
अन्य राज्यों में हुआ एक घंटे कार्य बहिष्कार
नेशनल को ऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स की ओर से ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि देशभर के बिजली कर्मियों ने मंगलवार को दोपहर 12ः00 बजे से 01ः00 बजे तक कार्य बहिष्कार कर उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और राजस्थान के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में अपनी एकजुटता दिखाई। इसमें उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के साथ हुए दो समझौतों का खुला उल्लंघन करने और पूर्वांचल व दक्षिणांचल के निजीकरण के निर्णय का विरोध किया गया।
पहले पदोन्नति में आरक्षण छिना और अब पद खत्म करने की तैयारी
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की मंगलवार को फील्ड हास्टल में हुई बैठक में तय किया गया कि उपभोक्ता हितों का ध्यान रखते हुए बांह पर काली पट्टी बांध कर कार्य किया जाएगा। उपभोक्ताओं ने कहा कि पहले पदोन्नति में आरक्षण छीना गया और अब पीपीपी मॉडल के जरिए पिछड़े व दलित वर्ग के अभियंताओं के पद खत्म करने की तैयारी है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि सभी 42 जिलों में निजीकरण के विरोध होगा, लेकिन आम उपभोक्ताओं के हितों को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। शाम को बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर लेकर आरक्षण बचाने की भी गुहार लगाई जाएगी। यह बताया जाएगा कि कार्पोरेशन प्रबंधन के पीपीपी मॉडल से आरक्षण को नुकसान होगा। बाबा साहब द्वारा दिए गए संवैधानिक व्यवस्था पर कुठाराघात होगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष केबी राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, अनिल कुमार, आरपीकेन, बिंदा प्रसाद, एके प्रभाकर, ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा आदि ने कहा कि पीपीपी मॉडल लागू होते ही दोनों बिजली कंपनियों में स्वीकृत पद के अनुपात में लगभग 16 हजार आरक्षण के पद समाप्त हो जाएंगे। इससे पहले पदोन्नतियों में आरक्षण छीन जा चुका है और अब नौकरियों मे आरक्षण छीनने की तैयारी है, जिसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।
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