नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां के बीच आम आदमी पार्टी के 7 विधायकों ने एक साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद से दिल्ली विधानसभा चुनाव का राजनीतिक माहौल गरमाया लग रहा है।
बता दें कि इन 7 विधायकों का इस्तीफा पार्टी द्वारा इस बार के विधानसभा चुनाव में टिकट न दिए जाने के कारण हुआ। इन नेताओं को पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया, जिससे वे नाराज हो गए। इस्तीफा देने वाले विधायक इस प्रकार से है-
रोहित महरौलिया (त्रिलोकपुरी)
बी एस जून (बिजवासन)
पवन शर्मा (आदर्श नगर)
भावना गौड़ (पालम)
राजेश ऋषि (जनकपुरी)
नरेश यादव (महरौली)
मदन लाल (कस्तूरबा नगर)
दरअसल, रोहित महरौलिया, त्रिलोकपुरी के विधायक, जिन्होंने इस्तीफा दिया, ने अपने इस्तीफे में अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि, “मेरे समाज ने आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया था, लेकिन पार्टी ने उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। ठेकेदारी प्रथा को बंद करने और कच्ची नौकरियों को पक्का करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए।” वहीं विधायक भावना गौड़ (पालम) और मदन लाल (कस्तूरबा नगर) ने भी इस्तीफे की चिट्ठियों में पार्टी पर विश्वास खोने की बात की। भावना गौड़ ने अपनी चिट्ठी में लिखा, “मेरा आप में और पार्टी में अब भरोसा नहीं रहा है।” मदन लाल ने भी विधानसभा अध्यक्ष को अपनी इस्तीफे की चिट्ठी में धन्यवाद दिया और कार्यकाल के दौरान मिले सहयोग का आभार जताया। राजेश ऋषि, जो जनकपुरी से विधायक थे, ने अपने इस्तीफे में आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “पार्टी का जो उद्देश्य था, वह अब बदल गया है। पार्टी भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुकी है, और मैं बड़े दुख के साथ पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।” इसके साथ ही नरेश यादव, महरौली से विधायक, ने भी इस्तीफा दिया और कहा कि उन्होंने पार्टी को “ईमानदारी की राजनीति” के लिए ज्वाइन किया था, लेकिन अब वह पार्टी में भ्रष्टाचार देख रहे हैं। उन्होंने महरौली में 100 फीसदी ईमानदारी से काम किया, लेकिन पार्टी अब भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी हुई है। इन इस्तीफों से साफ प्रतीत होता है कि आम आदमी पार्टी में अंदरूनी विवाद गहरा चुका है। टिकट न मिलने से नाराज ये विधायक अब पार्टी छोड़ चुके हैं और उनके आरोपों ने दिल्ली की राजनीति में और भी गर्मी बढ़ा दी है। चुनावों के लिए बस कुछ दिन बाकी हैं, और इस राजनीतिक बदलाव के साथ आम आदमी पार्टी को अपने चुनावी माहौल को संभालना होगा।
