राशन के साथ एक किलो चना, एक लीटर खाद्य तेल और एक किलो आयोडाइज्ड नमक भी मिलेगा
गन्ना समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी, वकीलों को मिलेंगें 5 लाख तक रुपये
लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) यूपी विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही योगी सरकार हर दिन लोकलुभावन कर रही है। बीते कल बुधवार को योगी सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए जनता से जुड़े कई अहम फैसले कर डाले हैं। योगी सरकार ने बेटियों के हक में बड़ा फैसला लेते हुए मृतक आश्रित कोटे में अब विवाहित बेटियां को भी सरकारी नौकरी देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इसके अलावा मार्च 2022 तक राशन के साथ एक किलो चना, एक लीटर खाद्य तेल, और एक किलो आयोडाइज्ड नमक देने का फैसला भी लिया गया है। सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए गन्ने के समर्थन मूल्य को भी बढ़ाने का ऐलान कर दिया है।
यूपी सरकार पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्ड धारकों को मार्च, 2022 तक निशुल्क राशन देगी. राशन के साथ एक किलो चना, एक लीटर खाद्य तेल, और एक किलो आयोडाइज्ड नमक भी दिया जाता रहेगा। कैबिनेट बाइसर्कुलेशन के जरिए यह निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव में यह घोषणा की थी। अंत्योदय कार्ड धारकों को राशन में 35 किलो चावल, गेहूं के साथ-साथ दाल, तेल और नमक भी दिया जाएगा।
यूपी सरकार ने इस बार के पेराई सत्र 2021-22 के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गन्ना मूल्य में बढ़ोत्तरी किये जाने की घोषणा को अपनी मंजूरी दे दी है। इस बारे में गन्ना विकास व चीनी उद्योग विभाग की ओर से तैयार किये गये प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दी गयी। मुख्यमंत्री ने इस पेराई सत्र के लिए रिजेक्टेड वैरायटी के गन्ने का राज्य परामर्शी मूल्य 305 से बढ़ाकर 330 रूपये प्रति कुंतल, सामान्य प्रजापति का मूल्य 310 से बढाकर 335 रूपये प्रति कुंतल और अगैती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 315 रूपये प्रति कुंतल से बढ़ाकर 340 रूपये कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने 28 सितंबर को यहां रमाबाई आंबेडकर मैदान पर आयोजित किसान सम्मेलन में गन्ना मूल्य बढ़ोत्तरी की घोषणा की थी मगर उसके बाद इस बारे में सरकारी अधिसूचना जारी नहीं की जा सकी थी। प्रदेश सरकार ने राज्य की सहकारी चीनी मिलों द्वारा किसानों को किये जाने वाले गन्ना मूल्य भुगतान व अन्य कार्यों के लिए लिये जाने वाले कर्ज पर अपनी गारंटी देने पर सहमित जतायी है। इस बारे में विभाग की ओर से लाये गये प्रस्ताव को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए बेटियों के हक में बड़ा फैसला किया है। अब मृतक आश्रित कोटे पर अब विवाहित बेटियां भी सरकारी नौकरी पा सकेंगी। फिलहाल अनुकंपा के आधार पर पुत्र, विवाहित पुत्र व अविवाहित बेटियों को नौकरी देने की व्यवस्था थी। विवाहित पुत्रियों के लिए व्यवस्था न होने पर इनको मृतक आश्रित कोटे पर अनुकंपा के आधार पर नौकरियां नहीं मिल पा रही थीं। कुछ मामलों में तो इकलौटी विवाहित बेटी होने के चलते परिवारों को परेशानियों का सामना करना पड़ जाता था।
मुख्यमंत्री की जानकारी में मामला आने के बाद पुरानी व्यवस्था में संशोधन करने पर सहमति बनी कि कुटुंब की परिभाषा में विवाहित पुत्रियों को भी जोड़ दिया जाए। इसके आधार पर कार्मिक विभाग ने उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती (बारहवां संशोधन) नियमावली-2021 को कैबिनेट मंजूरी के लिए भेजा था। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी है। प्रदेश के सरकारी विभागों में अब अनुकंपा के आधार पर विवाहित बेटियों को नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
योगी सरकार ने भाजपा के संकल्प पत्र में दिए गए वायदे को पूरा कर दिया है। पंजीकृत अधिवक्ताओं को अब पांच लाख रुपये एक मुश्त मिल सकेंगे। कैबिनेट ने न्याय विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके तहत यूपी अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम-1974 में बदलाव का निर्णय लिया गया। इससे संबंधित अध्यादेश जल्द जारी होगा। इसके तहत यूपी अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति में पंजीकृत अधिवक्ताओं को, पंजीकरण से 30 वर्ष पूर्ण करने पर लगभग 5,848 अधिवक्ताओं को 1.50 लाख रुपए से 05 लाख रुपए एकमुश्त दिए जाने जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इसके लिए यूपी अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम-1974 की धारा-13 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। विधानमंडल के अगले सत्र में इससे संबंधित विधेयक आएगा।
राज्य सरकार ने वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से यूपी के कानपुर आए 63 हिंदू बंगाली परिवारों का नए सिरे से पुनर्वास करेगी। उन्हें खेती के लिए दो-दो एकड़ और घर बनाने को 200 वर्ग मीटर जमीन दिया जाएगा। मकान बनाने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना से पैसा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। प्रदेश में वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से बंगाली परिवार आए थे। इन्हें रोजगार देकर मदन कपास मिल में पुनर्वास किया गया। पांच साल बाद यह मिल बंद हो गई, इसके चलते 63 हिंदू बंगाली परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। ऐसे परिवार पिछले 30 सालों से संघर्ष कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इन्हें पुनर्वासित करने के लिए बुधवार को प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इनके लिए कानपुर देहात में 300 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। एनआरईजीएस से भूमि विकास व सिंचाई की सुविधा दी जाएगी। इसके साथ ही मनरेगा से यहां काम कराया जाएगा, जिससे इन्हें अच्छी सुविधाएं मिल सके। अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह जल्द ही जमीन देखने जाएंगे और पुनर्वास संबंधी जानकारियां लेंगे। पूर्वी पाकिस्तान से वर्ष 1970 में विस्थापित परिवारों के पुनर्वासन के लिए व्यवस्था की गई थी। यह पुनर्वासन केंद्र सरकार द्वारा 332 परिवारों को सहायता देकर उड़ीसा एवं बदायूं में आवासीय एवं कृषि भूमि उपलब्ध कराकर पुनर्वासित किया गया था। शेष 65 हिन्दू बंगाली परिवारों को मदन सूत मिल, हस्तिनापुर, जनपद मेरठ में नौकरी देकर पुनर्वासित किया गया था। इस मिल के दिनांक 08 अगस्त, 1984 को बन्द हो जाने के कारण 65 परिवारों, जिसमें 02 परिवारों के सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है। अतः 63 परिवार पुनर्वासन हेतु प्रतीक्षित हैं।
वीआईपी एवं वीवीआईपी व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए 34 नई टोएटा फार्च्यूनर कार खरीदने तथा उसे बुलेटफ्रूफ कराए जाने का फैसला किया है। यह खरीद 34 निष्प्रयोज्य एम्बेसडर कारों के स्थान पर की जाएगी। इसके अलावा विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) के निदेशक की नियुक्ति शासन स्तर से किए जाने की मंजूरी दी गई है। यह फैसला बुधवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए लिया गया।
कैबिनेट ने अमेठी जिले की पुलिस लाइंस में आवासीय व अनावासीय भवनों का निर्माण कराने तथा मेरठ के पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय की क्षमता दोगुना किए जाने के लिए आवासीय भवनों का निर्माण कराए जाने का भी फैसला किया है। कैबिनेट ने आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस), स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) एवं स्पेशल पुलिस आपरेशन टीम (स्पॉट) के लिए भी वाहनों की खरीद करने का फैसला किया है। इससे पुलिस के संसाधनों में बढ़ोत्तरी होगी। तीनों ही एजेंसियों पर अहम जिम्मेदारियां होती हैं। किसी भी खतरे से निपटने के लिए जिलों में तैनात की गई स्पॉट को लगातार मजबूत किया जा रहा है।
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश विधि विज्ञान प्रयोगशाला तकनीकी अधिकारी सेवा (प्रथम संशोधन) नियमावली 2021 को भी मंजूरी देने का फैसला किया है। यह संशोधन लागू हो जाने के बाद एफएसएल में तकनीकी अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया का सरलीकरण हो जाएगा। एफएसएल निदेशक पद पर नियुक्ति अभी तक उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज के माध्यम से कराए जाने की व्यवस्था थी। इस कारण नियुक्तियों में दिक्कतें आ रही थीं। इस पद पर नियुक्ति अब शासन स्तर से ही हो जाएगी। इसी तरह एफएसएल में वैज्ञानिकों के पदों पर अलग-अलग विशेषज्ञता के प्रावधानों को कम कर दिया गया है। इससे इन पदों पर चयन प्रक्रिया में आसान होगी।
यूपी सरकार अब ग्रामीण इलाकों के विकास में जन सहभागिता को और प्रोत्साहित करेगी। इस बाबत पंचायतीराज विभाग की ओर से एक नयी योजना शुरू की जा रही है। मातृभूमि योजना के नाम से शुरू होने वाली इस योजना में कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह अपने गांव में नाली, खड़ंजे, बिजली, पानी, सड़क, विद्यालय आदि विकास कार्यों के लिए अगर अपनी ओर से धनराशि खर्च करेंगे तो ऐसे विकास कार्यों की कुल लागत का चालीस प्रतिशत खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी।
इस मामले में ऐसे व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह जो कि प्रदेश के अन्य जिलों में रहते हैं या विदेश में रहते हैं और वह अपने पैतृक गांव में अपनी ओर से आर्थिक सहयोग करते हुए विकास कार्य करवाएगा तो ऐसे विकास कार्य पर आने वाली कुल लागत का चालीस प्रतिशत व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी। इस योजना के तहत उस व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के परिवार के किसी बुजुर्ग, या अन्य किसी सदस्य के नाम का शिलालेख भी लगाया जाएगा। जिसमें उपरोक्त विकास कार्य का उल्लेख भी किया जाएगा।
लखनऊ स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में जल्द स्पोर्ट्स मेडिसन विभाग का विधिवत संचालन शुरू होगा। यहां खेल के दौरान चोटिल होने वालों का विशेषज्ञों द्वारा इलाज संभव हो सकेगा। बुधवार को बाई सर्कुलेशन संपन्न हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई। इसके अलावा केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी विभाग के विस्तार को भी स्वीकृति मिल गई है। कैबिनेट ने आर्युविज्ञान विश्वविद्यालय सैफई, इटावा में 500 बैड के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल निर्माण परियोजना की पुनरीक्षित बजट को भी मंजूरी दे दी है।
केजीएमयू में स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग को भारत सरकार की योजना के तहत शुरू किया जा रहा है। राज्य कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इस विभाग को जल्द विधिवत आरंभ किया जा सकेगा। वहां पद सृजन का काम भी जल्द हो सकेगा। इसके अलावा लारी कार्डियोलॉजी विभाग का विस्तार होने से वहां तमाम सुविधाएं बढ़ेंगी। ऑपरेशन थिएटर, कैथलैब के साथ ही करीब 80 बैड भी बढ़ जाएंगे। वहां बनने वाले वार्डों में प्राइवेट वार्ड भी शामिल होंगे।