लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव विजय रथ लेकर बुंदेलखंड, मऊ, आजमगढ़, हरदोई, अंबेडकर नगर का दौरा करने के बाद आज पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर दौरे पर है। वह मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में कश्यप महासम्मेलन को संबोधित करेंगे। समाजवादी पार्टी की नजर अपने परंपरागत वोटर्स के अलावा पिछड़े तबके में शामिल बाकी जातियों पर भी है और पूर्वाचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक कश्यप और निषाद वोटों की हिस्सेदारी लगभग 5 फीसदी है। यूपी की कई सीट पर निषाद, केवट, मल्लाह, कश्यप जैसी जातियां बनाने और बिगाड़ने की हैसियत रखती है। खास बात ये है कि तकरीबन यूपी के हर हिस्से में इनकी आबादी है।
समाजवादी पार्टी ओबीसी समुदाय की जातियों को एकजुट करने की कवायद में जुटी हुई है। आज बुढ़ाना में कार्यक्रम तो कश्यप महासम्मेलन का होगा, लेकिन अखिलेश की कोशिश जाट, गुर्जर, पाल, शाक्य, सैनी वोट बैंक को भी सपा के साथ जोड़ने की रहेगी। सपा की रणनीति है कि पश्चिमी यूपी में मुस्लिम वोट के साथ ओबीसी तबके की जातियों को भी लामबंद करने से बात बनेगी और ओबीसी जातियों के साथ आने से सपा के प्रदर्शन में सुधार आएगा। पश्चिम में जाटों का दबदबा है सपा ने जाट वोट बैंक को साथ लाने के लिए आरएलडी के साथ गठबंधन किया है। जाटों के अलावा पश्चिम में गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर समेत कई जिलों में गुर्जर समाज प्रभावी भूमिका में है। सपा गुर्जर समाज को भी अपने साथ जोड़ने की कोशिश में लगी है।
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