बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज। (आवाज न्यूज ब्यूरो)। ग्रामीण क्षेत्रों में अंधाधुंध बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। बिजली विभाग की नाकामी को लेकर ग्रामीणों में रोष पनपने लगा है। मामले को भांपते हुए भाजपाइयों ने 20 दिन पहले डीएम को ज्ञापन देते हुए बिजली कटौती रोकने का अल्टीमेटम दिया था लेकिन उसका असर देखने को नहीं मिला।
ग्रामीण क्षेत्रों में भीषण बिजली कटौती से सत्तापक्ष के लोग भी परेशान हैं। जहां भी जाते हैं, वहां बिजली समस्या को लेकर ग्रामीण उन्हें घेर लेते हैं। जिस कारण नेताओं को जवाब देते नहीं बनता। ऐसे में 23 अप्रैल को खुद भाजपा जिलाध्यक्ष वीरसिंह भदौरिया, पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र राजपूत, जिला उपाध्यक्ष शैलेन्द्र द्विवेदी, जिला मीडिया प्रभारी शरद मिश्रा, जीतू तिवारी समेत कई भाजपाइयों ने तत्कालीन जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल से मुलाकात की थी।
ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति ठीक कराने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा था। इसमें उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ ही घण्टे बिजली मिल पा रही है। उसमें भी ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज की समस्या रहती है। सिंचाई के अभाव में किसानों की फसलें सूख रहीं है। इसके बावजूद जिले के अफसरों के कान में जूं तक नहीं रेंगी।
दिन के 12 घण्टे बिल्कुल नहीं आती बिजली
ठठिया क्षेत्र के सुर्सी फीडर से हर दिन सुबह 7 बजे से पहले बिजली काट दी जाती है। यहां शाम 7 बजे से पहले एक बार भी बिजली सप्लाई नहीं दी जाती। लगातार 12 घण्टे की बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। इन्वर्टर भी 4 या 5 घण्टे से अधिक बैकअप नहीं दे पाते। इसलिए भीषण गर्मी में लोग बीमार पड़ने लग गए।
पीने के पानी की भी हो रही दिक्कत
रात में भी बिजली बामुश्किल 5 या 6 घण्टे ही मिल पा रही। उसमें भी ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज की समस्या रहती है। जिस कारण घरों में लगी सबमर्सिबल भी नहीं चल पा रहीं। पीने के पानी के लिए भी लोगों को तरसना पड़ रहा है।
भिखनीपुरवा गांव के रहने वाले अमित ने बताया कि अंडर ग्राउंड वॉटर लेबल डाउन होने के कारण हैंडपंप काम नहीं कर रहे। पानी का एकमात्र स्त्रोत सबमर्सिबल ही हैं। वो भी बिजली की समस्या के चलते बेकार पड़े हैं।