हज़ारों किसानों के भविष्य से खिलवाड़, राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर प्लांट पुनः चालू करने की माँग
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज। (आवाज न्यूज ब्यूरो)। जनपद के उमर्दा स्थित काउ मिल्क प्लांट को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बंद किए जाने के निर्णय के विरोध में समाजवादी पार्टी, कन्नौज जिला इकाई ने आज काउ मिल्क प्लांट उमर्दा पहुंचकर एक व्यापक विरोध प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। इस विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में किसान, दुग्ध उत्पादक, समाजवादी कार्यकर्ता, महिलाएँ एवं आम जनमानस सम्मिलित हुए।
यह विरोध प्रदर्शन समाजवादी पार्टी कन्नौज के जिलाध्यक्ष कलीम खान के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन तिर्वा विधानसभा अध्यक्ष श्री शरद यादव द्वारा किया गया।
विरोध कार्यक्रम जनमानस की आवाज़ बनकर उभरा, जिसमें वक्ताओं ने भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों पर तीखे प्रहार किए।
इस अवसर पर पूर्व प्रत्याशी, तिर्वा विधानसभा अनिल पाल ने क्या कहा कि यह प्लांट समाजवादी सरकार की दूरदर्शी योजना का परिणाम था, जिससे हज़ारों किसानों और गाय पालकों को सीधा लाभ मिलता था। भाजपा सरकार ने इसे बंद कर उनके जीवन को संकट में डाल दिया है। यह कदम किसान विरोधी, गौपालक विरोधी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के खिलाफ है।
अरविन्द सिंह यादव पूर्व विधायक नें कहा काउ मिल्क प्लांट केवल एक उद्योग नहीं था, यह पूरे क्षेत्र की आर्थिक रीढ़ था। इसे बंद कर प्रदेश सरकार ने यह साबित कर दिया कि वह केवल पूंजीपतियों की हितैषी है, किसानों की नहीं। जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी, तब यह प्लांट फिर से चालू किया जाएगा।
कल्याण सिंह दोहरे पूर्व विधायक नें कहा गाय को ‘माँ’ कहने वाली सरकार, उसकी सेवा करने वालों की रोज़ी-रोटी छीन रही है। यह दोहरा चरित्र अब जनता के सामने उजागर हो चुका है। काउ मिल्क प्लांट की बंदी से किसान, कर्मचारी और उनके परिवार आज बदहाली में हैं।
जय कुमार तिवारी (वरिष्ठ समाजवादी नेता विचार रखते हुऐ कहा भाजपा सरकार की नीति ‘वोट के लिए गाय, विकास के लिए पूंजीपति’ बन चुकी है। काउ मिल्क प्लांट की बंदी से यह स्पष्ट है कि सरकार का किसानों, गौपालकों या गाँव की अर्थव्यवस्था से कोई सरोकार नहीं है। समाजवादी पार्टी इसका पुरज़ोर विरोध करती है।
ज्ञापन में उठाई गई मुख्य माँगें
1. उमर्दा काउ मिल्क प्लांट को तत्काल प्रभाव से पुनः प्रारंभ किया जाए।
2. दूध देने वाले किसानों का बकाया भुगतान तत्काल किया जाए।
3. प्लांट के कर्मचारियों को लंबित वेतन, सुविधाएँ एवं सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए।
4. प्लांट बंद करने के पीछे की नीयत व प्रक्रिया की निष्पक्ष जाँच हो।
5. दूध उत्पादक सहकारी समितियों को पुनर्जीवित किया जाए और स्थानीय गौपालकों को प्राथमिकता दी जाए।
6. स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार बहाल किया जाए, जो इस प्लांट से जुड़कर आत्मनिर्भर बन सकते थे।
समाजवादी पार्टी के नेताओं नें चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि प्रदेश सरकार शीघ्र इस मुद्दे पर सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है, तो समाजवादी पार्टी चरणबद्ध जनांदोलन शुरू करेगी। आने वाले समय में बड़े आंदोलन और राजधानी तक पैदल मार्च करने की योजना भी बनाई जाएगी।
प्रदर्शन की विशेषताएँ
सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से किसान और कार्यकर्ता उमर्दा पहुँचे।
महिलाओं, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों की उल्लेखनीय भागीदारी रही।
पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण, अनुशासित और लोकतांत्रिक तरीक़े से सम्पन्न हुआ।
ज्ञापन स्थानीय प्रशासन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को भेजा गया।
इस दौरान सयुस प्रदेश उपाध्यक्ष हसीब हसन, विधानसभा अध्यक्ष शरद यादव, रामशंकर लोधी, विजय दुवेदी, श्याम सिंह यादव, राजू राजपूत, गुलामुद्दीन खान,अंशू पाल, योगेश शर्मा, प्रवल प्रताप सिंह बघेल,अंगूरी दहाड़िया, कंचन कनौजिया, यश दोहरे, शशिमा सिंह दोहरे, रवि यादव, जानू खान, इंद्रेश यादव,उमेश पाल,दिगंबर सिंह यादव, श्री कृष्ण यादव, राम औतार यादव,आरिफ ज़मा,चंदन पटेल,सुनील यादव,अखिलेश यादव,अमित यादव,सर्वेश यादव,दीपू यादव,नीलू यादव,राकेश कठेरिया,सहित अन्य सैंकड़ो लोग मौजूद रहे।