क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की तैयारी में केंन्द्र की मोदी सरकार

नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) केंद्र में काबिज मोदी सरकार देश में अवैध तरीके से चल रहे क्रिप्टो एक्सचेंज पर शिकंजा कसने पर कदम जल्द बढ़ा सकती है। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी यानी वर्चुअल मुद्रा पर बैठक लिए जाने के बाद 15 नवंबर को वित्त मामलों पर गठित संसद की स्थायी समिति विभिन्न एसोसिएशन और विशेषज्ञों के साथ विमर्श करने जा रही है। बैठक में भाग लेने वालों में इंडिया इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन, ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिसमें भारत के कुछ टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज शामिल हैं। इनमें वजीरएक्स, कॉइनडीसीएक्स, कॉइनस्विच कुबेर और अन्य शामिल हैं।
अब तक एक्सचेंज सेल्फ-रेग्यूलेटरी गाइडलाइंस पर चल रहे हैं, जो ज्यादातर बीएसीसी बोर्ड द्वारा निर्धारित किए गए हैं। यह इंडस्ट्री के सभी प्लेयर्स के साथ उनका कंप्लायंस सुनिश्चित करते हैं। हालांकि ये स्टेकहोल्डर्स पहले से ही सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं। सरकार ने अभी तक भारत में क्रिप्टोकरेंसी की भूमिका पर कोई आधिकारिक रुख नहीं अपनाया है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद सरकार क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में अपना पक्ष स्पष्ट करेगी।
सूत्रों की मानें तो सरकार इस पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए कदम बढ़ा सकती है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों के लिए टेरर फंडिंग और काला धन जमा करने वालों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का जरिया बने इन क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कहा है। पीएम ने इसे लेकर वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक और गृह मंत्रालय के साथ एक बैठक की थी।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में क्रिप्टोकरेंसी और उससे जुड़े सभी मुद्दों की व्यापक समीक्षा हुई। साफतौर पर यह तय किया गया कि क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर युवाओं को गुमराह करने वाली अपारदर्शी विज्ञापन पर रोक लगाई जाए। बैठक में केंद्रीय बैंक, वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय की तरफ से देश-दुनिया के क्रिप्टो विशेशषज्ञों से ली गई सुझावों के बाद सामने आए मुद्दों पर बात की गई।
सूत्रों का कहना है कि बैठक में अवैध क्रिप्टो मार्केट्स को लेकर सबसे ज्यादा बातचीत की गई। इस बात पर सहमति जताई गई कि इन मार्केट्स को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का गढ़ नहीं बनने दिया जा सकता। बैठक में इस पर भी सहमति रही कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी तकनीक रोजाना बदल रही है। इसके चलते यह तय किया गया कि सरकार तकनीक की मदद से क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े हर पहलू पर करीबी नजर रखने के लिए कदम उठाएगी। इसके लिए लगातार एक्सपर्ट्स और अन्य हितधारकों से सुझाव लिए जाएंगे।
बैठक में यह भी माना गया कि क्रिप्टोकरेंसी का मुद्दा देश की सीमाओं में बंधा हुआ नहीं है बल्कि यह एक इंटरनेशनल मुद्दा है। ऐसे में भारत सरकार ग्लोबल पार्टनरशिप और सामूहिक रणनीतियां बनवाने के लिए दूसरे देशों के साथ तालमेल बनाएगी।

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