हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस से करने को बताया गलत, आतंकी संगठन इंसानियत का दुश्मन: गुलाम नबी आजाद

सलमान खुर्शीद की राय से जताई असहमति

भोपाल । (आवाज न्यूज ब्यूरो) कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने आज भोपाल में एक कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। सलमान खुर्शीद की किताब का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो बात किताब में कही गई है उसे वह सही नहीं मानते। गुलाम नबी ने कहा कि एक मुसलमान होने के नाते उनकी राय सलमान खुर्शीद से अलग है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस से नहीं की जा सकती। आईएसआईएस संगठन पूरी इंसानियत का दुश्मन है। ये लोग माल किलर्स हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस संगठन को कट्टरपंथी कहा जाए तो ये भी सोचना वाली बात है कि इसने सबसे पहले अपने ही धर्म के लोगों को मारा है।
उन्होंने कहा कि एक मुसलमान होने के नाते सलमान खुर्शीद की अपनी राय हो सकती है लेकिन आईएसआईएस के लोग सबकी जान के दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि अगर सलनाम खुर्शीद को तुलना ही करनी थी तो वह घटनाक्रम की कर सकते थे। कांग्रेस नेता ने कहा कि वह लंबे समय तक केंद्रीय मंत्री रहे, नेता प्रतिपक्ष रहे लेकिन संसद में कभी आपसी वैमनस्य नहीं रहा। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज के हालात पहले से काफी अलग हैं। अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं। उन्होंने कहा कि पहले आपस में बहस करने के बाद भी सभी साथ बैठकर खाना खाते थे। लेकिन आज यह मुमकिन नहीं है।
गुलाम नबी आजाद ने संसद से अपनी विदाई का जिक्र करते हुए कहा कि वह बहुत ही भावुक पल था। पीएम मोदी भी उस दौरान भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा कि और भी कई लोग उनके लिए अपनी सीट छोड़ने के लिए तैयार थे वहीं जी-23 के मुद्दे पर पूर्व राज्यसभा सांसद ने कहा कि कांग्रेस को और भी मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने साफ किया कि अगर सत्ता पक्ष मजबूत है तो उसके सामने खड़े होने के लिए विपक्ष को मजबूत होना भी उतना ही जरूरी है।
आज की राजनीति में वीर सावरकर की एंट्री पर गुलाम नबी आजाद ने हंसते हुए कहा कि सावरकर का रीइन्वेंशन हुआ है। उन्होंने कहा कि बदवाल तो होते रहते हैं। एक प्राइवेट कार्यक्रम में पहुंचे गुलाम नबी आजाद ने भोपाल की जमकर तारीफ की, उन्होंने कहा कि भोपाल की झील देखकर उन्हें कश्मीर के डल झील की याद आती है। उन्होंने कहा कि भोपाल में उन्हें काफी अपनापन लगता है।

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