लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) यूपी में 37 साल बाद दूसरी बार बहुमत की सरकार बनाकर भाजपा ने इतिहास रचा है। दूसरी बार लगातार सीएम बने योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में पार्टी ने जातिगत समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की है। इसे 2024 के लोकसभा चुनावों की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। कैबिनेट में जाट समाज से 8 मंत्री बनाए गए हैं जबकि 8 मंत्री ब्राह्मण समुदाय से हैं। वहीं 8 मंत्री अनुसूचित जाति से हैं। एक मुस्लिम नेता दानिश आजाद को भी मंत्री बनाया गया है।
कैबिनेट में पांच 5 महिलाओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली। बेबीरानी मौर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है जबकि रजनी तिवारी, प्रतिभा शुक्ला, विजय लक्ष्मी गौतम राज्यमंत्री होंगी जबकि गुलाब देवी को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का जिम्मा सौंपा गया है।
योगी 2.0 में सूर्यप्रताप शाही रिपीट हुए हैं, वह भूमिहार समाज से हैं। वहीं सुरेश कुमार खन्ना दोबारा कैबिनेट मंत्री बने हैं। वह खत्री समाज से आते हैं और 9 बार विधायक रह चुके हैं। स्वतंत्र देव सिंह कुर्मी, बेबीरानी मौर्य जाटव और लक्ष्मी नारायण चैधरी जाट समुदाय से हैं। जयवीर सिंह को मंत्री बनाकर बीजेपी ने राजपूत जाति को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है।
इस बार भी योगी कैबिनेट में क्षेत्र और जातिगत समीकरणों का खास ध्यान रखा गया है। योगी कैबिनेट में अगड़ों और पिछड़ों को जगह दी गई है। बताया जा रहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए योगी मंत्रिमंडल के चेहरे तय किए गए हैं। बता दें कि पिछली योगी कैबिनेट में ऊंची जातियों के 26 मंत्री थे जबकि पिछड़ी जातियों के 23 चेहरों के साथ अनुसूचित जाति के 9 चेहरे, एक सिख और एक मुस्लिम चेहरा शामिल किया गया था।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत गठबंधन ने 403 में से 273 सीटें जीती थीं। भाजपा को जहां 255 सीटें मिलीं, वहीं उसकी सहयोगी निषाद पार्टी और अपना दल (एस) को 18 सीटें मिलीं। भाजपा के वोट प्रतिशत में 1.63 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
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