फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने को ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों का उन्मुखीकरण 

जिले में इस समय है 1243 फाइलेरिया रोगी 

फर्रुखाबाद | (आवाज न्यूज ब्यूरो) फाइलेरिया उन्मूलन के उद्देश्य से स्वास्थय  विभाग मई में फाइलेरिया निरोधी विशेष अभियान जनपद में चलाएगा । इस दौरान घर-घर जाकर फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जायेगा और दवा खिलाई जाएगी । इस अभियान को सफल बनाने के लिए गुरुवार को ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों का उन्मुखीकरण किया गया| इस दौरान मौजूद मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश चंद्रा ने कहा इस अभियान के दौरान कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी |  उन्होंने बताया कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों,  गर्भवती और गंभीर रोग से बीमार व्यक्तियों को दवा का सेवन नहीं कराया जाएगा ।विश्व स्वास्थ्य संगठन से कानपुर मंडल के जोनल को-आर्डिनेटर डॉ नित्यानंद ठाकुर ने बताया कि फाइलेरिया रोग में अक्सर हाथ या पैर में बहुत ही ज़्यादा सूजन हो जाती है । इसलिए इस रोग को हाथी पांव भी कहते हैं। जिन व्यक्तियों के अंदर माइक्रो फाइलेरिया के कीटाणु रहते हैं, उन्हें दवा सेवन करने पर कुछ प्रभाव जैसे- जी मचलाना, उल्टी आना, हल्का बुखार आना, चक्कर आना आदि हो सकता है।  इससे घबराना नहीं चाहिए | संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ यू सी वर्मा ने बताया कि अभी शासन से इस अभियान को चलाने के लिए कोई तारीख नहीं आई है, लेकिन इस कार्यक्रम में कोई कमी न रह जाये इस उद्देश्य से सभी लोगों की ट्रेनिंग कराई जा रही है | जिससे सभी लोगों को इस अभियान को किस तरह से चलाना है यह ज्ञात हो जाये |डॉ वर्मा ने कहा कि अभियान के दौरान पूरे जिले में एक साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एमपीडब्ल्यू, एएनएम, आशा एवं स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं के माध्यम से दवा खिलाने का कार्य घर-घर जाकर किया जायेगा । इसके पश्चात् भी जो व्यक्ति दवा सेवन से वंचित रह जायेंगे, वह अपने पास के उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और जिला अस्पताल, मलेरिया कार्यालय से दवा प्राप्त कर सेवन कर सकते हैं।जिला मलेरिया अधिकारी के पी द्ववेदी ने बताया कि यह बीमारी क्यूलैक्स मच्छर के काटने से फैलती है, इस मच्छर के पनपने में मल, नालियों और गड्ढों का गंदा पानी मददगार होता है , इस मच्छर के लार्वा  पानी में टेढ़े होकर तैरते रहते हैं। क्यूलैक्स मच्छर जब किसी व्यक्ति को काटता है तो वह  फाइलेरिया के छोटे कृमि का लार्वा  उसके अंदर पहुँचा देता है। संक्रमण पैदा करने वाले लार्वा के रुप में इनका विकास 10 से 15 दिनों के अंदर होता है। इस अवस्था में मच्छर बीमारी पैदा करने वाला होता है। इस तरह यह चक्र चलता रहता है।उन्होंने कहा  कि इस समय लगभग 1243 लोग फाइलेरिया से ग्रसित हैं |इस रोग से ग्रसित लोगों को अपनी साफ़ सफाई रखनी चाहिए और अगर पैरों में सूजन है |तो पैरों के नीचे तकिया लगा कर रखें पैरों को अधिक देर तक लटकाएं नहीं |हाइड्रोसील से ग्रसित मरीज भी फाइलेरिया के अंतर्गत आते हैं वह अपना आपरेशन डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में मुफ्त करा सकते हैं |पीसीआई संस्था से जिला समन्वयक अमर सिंह ने कहा कि जब भी हम समुदाय में जाएँ तो लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें और उनकी बातों को ध्यान से सुनें फिर अपनी कहें | जिससे इस अभियान को सफल बनाया जा सके |फाइलेरिया के लक्षण 1. एक या दोनों हाथ व पैरों में (ज़्यादातर पैरों में) सूजन2. कॅपकॅपी के साथ बुखार आना3. गले में सूजन आना4. गुप्तांग एवं जॉघो के बीच गिल्टी होना तथा दर्द रहना5. पुरूषों के अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसिल) होना6. पैरों व हाथों की लसिका वाहिकाएं लाल हो जाती हैंइस दौरान डीपीएम कंचन बाला, डीसीपीएम रणविजय प्रताप सिंह, मलेरिया इंस्पेक्टर नरजीत सिंह, पाथ संस्था से डॉ शाश्वत त्रिपाठी, यूनिसेफ से डीएमसी राजीव चौहान सभी सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, बीपीएम, बीसीपीएम और अन्य लोग मौजूद रहे |

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