इस बार 24 अप्रैल को रविवार होने के कारण 25 अप्रैल को होगा इसका आयोजन
चार प्रथम संदर्भन इकाई से होगी शुरूआत
चिन्हित होंगी एचआरपी वाली महिलाएं
वित्तीय वर्ष 2021-22 में 6,782 महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था की मिलीं
फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए एक और पहल की गई है। अब हर माह की 24 तारीख को भी प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस मनाया जाएगा। यह आयोजन जिले की चार प्रथम संदर्भन इकाई (एफआरयू)कायमगंज, राजेपुर कमालगंज और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला में होगा| इसमें स्वास्थ्य विभाग उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं को चिन्हित करेगा। इनको जांच और इलाज में प्राथमिकता देने के साथ ही उनके उपचार के विशेष प्रबंध भी किए जाएंगे। इसके पूर्व पीएमएसएमए दिवस प्रत्येक माह की नौ तारीख को मनाया जा रहा था। अब इसे विस्तारित किया गया है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश चंद्रा का |
सीएमओ ने बताया कि इस माह 24 अप्रैल को रविवार होने की वजह से यह अभियान 25 अप्रैल यानि सोमवार को पहली बार मनाया जायेगा।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और परिवार कल्याण के नोडल अधिकारीडॉ दलवीर सिंह ने कहा कि विभिन्न कारणों से जोखिम गर्भावस्था मातृ-शिशु की मृत्यु का कारण बनती हैं। प्रसव पूर्व छोटी-बड़ी कई कमियों का सामने नहीं आ पाना इसकी प्रमुख वजह है। गर्भवती को उच्च रक्तचाप, गंभीर रक्ताल्पता, मधुमेह, दिल की बीमारी, क्षयरोग, मलेरिया आदि की स्थिति में जोखिम बना रहता है।
डॉ सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य ऐसी महिलाओं को प्रसव पूर्व ही चिन्हित कर बेहतरउपचार देना है जिससे कि प्रसव के दौरान खतरनाक स्थिति न बने। प्रसव पूर्व जांच में ऐसी महिलाओं को चिन्हित कर सरकारी अस्पतालों में उनका उपचार किया जाता है । अब तक प्रत्येक माह की नौ तारीख को पीएमएसएमए दिवस मनाया जा रहा था। अब इसमें और तेजी लाने के लिए इसे विस्तारित करते हुए हर माह 24 तारीख को भी जनपद की एफआरयू (प्रथम संर्दभन इकाई) में यह अभियान चलाया जाएगा। इसमें द्वितीय व तृतीय त्रैमास की गर्भवती की जांच होगी।
जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता अतुल गुप्ता ने बताया कि अब हर माह की 24 तारीख को भी प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन किया जाएगा| इसके माध्यम से गर्भवती को कम से कम एक बार विशेषज्ञ चिकित्सक की देखरेख में निःशुल्क प्रसव पूर्व गुणवत्तापरक जांच एवं उपचार की सुविधा दी जाएगी |
अतुल ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष 2021-22 में 55,271 गर्भवती की जाँच की गयी जिसमें से 6,782 महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली निकली जिसमें से 4,439 महिलाओं का सुरक्षित प्रसव करा दिया गया है। इस माह नौ अप्रैल को चले अभियान के दौरान 1,089गर्भवती को चिन्हित किया गया जिसमें से 105 महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली मिलीं |
अतुल ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर गर्भवती की खून की जांच, पेशाब की जांच,प्रोटीन, सिफलिस,एचआईवी, हिमोग्लोबिन,ब्लड प्रेशर, वजन व अल्ट्रासाउंड टेस्ट आदि की जांच निःशुल्क की जाती है।