एमडीआर रोगी को बीड़ाकुलीन दवा दी, इंजेक्शन से मिली मुक्ति

टीबी के एमडीआर रोगियों को अब इंजेक्शन से मिली निज़ात

जिले में इस समय 94 एमडीआर मरीज

फर्रुखाबाद।(आवाज न्यूज ब्यूरो) टीबी के मॉस ड्रग रजिस्टेंस (एमडीआर) रोगियों को इंजेक्शन आधारित रेजीमेन पर नहीं रखा जाएगा। इसकी जगह उन्हें शार्टर ओरल बीड़ाकुलीन कंटेनिंग रेजीमेन दवा दी जाएगी। एमडीआर रोगी के इलाज में इसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है। इंजेक्शन की तकलीफ से अक्सर मरीज का कोर्स अधूरा रह जाता था। इसी के साथ इंजेक्शन का कोर्स पूरा कराने में स्वास्थ्य कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। यह बातें एमडीआर टीबी से ग्रसित मरीज को दवा देते समय जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुनील मल्होत्रा ने कहीं |
डॉ मल्होत्रा ने बताया कि 25 अप्रैल के बाद मिलने वाले किसी भी एमडीआर रोगी को इंजेक्शन आधारित रेजीमेन पर नहीं रखा जाएगा। पात्र एमडीआर/आरआर टीबी रोगियों के उपचार के लिए शार्टर ओरल बीड़ाकुलीन कंटेनिंग रेजीमेन शुरू की जाएगी। टेबलेट के रूप में यह दवा मरीजों को खिलाना आसान होगा। यह कोर्स छह माह तक का होगा। यही नहीं इंजेक्शन आधारित रेजीमेन से उपचार को बंद कर दिया जाएगा।
इंजेक्शन आधारित उपचार को बंद किया जाएगा
डॉ मल्होत्रा ने बताया कि केवल वह रोगी जिनका पहले से इंजेक्शन का कोर्स चल रहा है। पहले की तरह उनका इलाज इंजेक्शन कंटेनिंग रेजीमेन से ही जारी रखा जाएगा। नए कोर्स के लिए सभी दवाएं आ गई हैं, किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। जिले में वर्तमान में एमडीआर के 94 मरीज हैं। आम तौर से टीबी की सामान्य दवा जिस पर असर नहीं करती है, या एमडीआर मरीज से सीधे संक्रमित होकर टीबी के मरीज बनने वाले एमडीआर श्रेणी के होते हैं।
इनके उपचार के कोर्स में छह माह तक इंजेक्शन कंटेनिंग रेजीमेन शामिल है। मरीज को प्रति दिन यह इंजेक्शन लगाया जाता है, जिससे मरीज के शरीर का वह अंग जहां इंजेक्शन लगाया जाता है। सूज जाता है, मरीज को काफी पीड़ा होती है। कभी-कभी यह देखा जाता है कि तकलीफ बर्दाश्त न कर पाने के कारण मरीज बीच में ही कोर्स बंद कर देता है। इंजेक्शन की जगह जो दवा लाई गई है। वह काफी महंगी है। इससे मरीज को काफी राहत रहेगी।
उन्होने बताया कि किसी प्राइवेट अस्पताल या मेडिकल स्टोर्स में इस दवा की उपलब्धता न होने के कारण इसकी क़ीमत का आकलन विदेशों में दी जा रही इस दवा के अनुसार ही किया जा सकता है। इस आकलन के अनुसार एमडीआर टीबी मरीज़ को बीडाकुलीन दवा के कोर्स से ठीक करने में लगभग 9 से 10 लाख रुपये का खर्च सरकार द्वारा किया जा रहा है |
क्षय रोग विभाग से जिला समन्वयक सौरभ तिवारी ने बताया कि जिले में इस समय 1,812 टीबी से ग्रसित मरीजों का इलाज चल रहा है | साथ ही कहा 9 मार्च से 13 अप्रैल तक चले अभियान में 112 टीबी रोगी मिले |

Check Also

आबकारी ने चलाया छापेमारी अभियान

फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) आबकारी आयुक्त, उ0प्र0 के आदेश एवं जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक फर्रूखाबाद …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *