डीएमओ ने फाइलेरिया अभियान की हकीकत परखी 

फर्रुखाबाद |(आवाज न्यूज ब्यूरो)  जनपद सहित प्रदेश के 19 जिलों में  फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चल रहा है l यह अभियान 27 मई तक चलाया जायेगा | इस दौरान जिला मलेरिया अधिकारी के पी दिवेदी ने राजेपुर ब्लॉक के ग्राम उजरामऊ और डबरी में फाइलेरिया अभियान की जमीनी हकीकत का निरीक्षण किया साथ ही जो लोग फाइलेरिया रोग से बचाव की दवा अज्ञानता वश नहीं खा रहे थे उनको समझा कर दवा का सेवन कराया lइस दौरान डीएमओ ने कहा कि हमें  फाइलेरिया रोग  की रोकथाम के लिए काम करना है इसके लिए जनसमुदाय की सभागिता जरूरी है l यह अभियान तभी सफ़ल हो सकता है जब समाज इस रोग को मिटाने के लिए खुद ही खड़ा हो जाए जिस प्रकार लोगों ने अपने देश से पोलियो को भगाने में अपनी भूमिका निभाईl डीएमओ ने कहा कि इस समय यह अभियान घर घर चल रहा है इस दौरान आपके घर पर आने वाले स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही दवा का सेवन करें l
डीएमओ ने कहा कि जनपद में लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डीईसी और अल्बेंडालोल की निर्धारित खुराक  खिलाई जा रही है । दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती  और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यह  दवाएं नहीं खिलाई जाएंगी। डीएमओ ने कहा कि फाइलेरिया रोग लाइलाज है बचाव ही सिर्फ उपाय है l इस रोग को रोकने के लिए वर्ष में एक बार ही दवा खिलाई जाती है lइस दौरान फाइलेरिया निरीक्षक योगेश यादव ने बताया कि हाईड्रोसील हो जाना, हाथी पाँव हो जाना यानी पैरों में सूजन हो जाना  , महिलाओ के स्तन में सूजन आ जाना यह सब फ़ाईलेरिया रोग के लक्षण हैं, फ़ाईलेरिया रोग मच्छरों द्वारा फैलता है । खासकर क्यूलैक्स मादा मच्छर के जरिए । जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है फिर यह मच्छर रात के समय किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काट लेता है तो फाइलेरिया रोग के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया रोग से ग्रसित कर देते हैं।  ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चलता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है। फाइलेरिया के लक्षण नहीं दिखने पर भी इस दवा का सेवन  करना जरूरी है।
डीएमओ ने कहा कि अभियान के दौरान जिले के लगभग 18.72 लाख लोगों को  दवा खिलाई जायेगी l साथ ही प्रत्येक ब्लॉक में एक रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है अगर किसी को दवा खाने के बाद कोई परेशानी होती है तो टीम द्वारा फौरन उसका इलाज किया जाएगा l

फाइलेरिया के लक्षण : -सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।-बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।-पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल  के रूप में भी यह समस्या सामने आती है। 

फाइलेरिया से बचाव :

*मच्छरो से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें

 *घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूडेदान का प्रयोग करे 

*आसपास पानी न जमा होने दे *गन्दे पानी में केरोसिन भी डाल दे

 *चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ़ रखे

 *पूरी बाजू का कपड़ा पहने

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